प्रात: का प्रकाश पहाड़ों
व घाटियों को देखने लायक बना देता है।
जब दिन का प्रकाश धरती पर आता है
तो उन वस्तुओं के रूप वस्त्र की सलवटों की तरह उभर कर आते हैं।
वे स्थान रूप को नम मिट्टी की तरह
जो दबोई गई मुहर की ग्रहण करते हैं।
restituetur ut lutum signaculum et stabit sicut vestimentum
अय्यूब, क्या तूने कभी उस फाटकों को देखा है, जो मृत्यु लोक को ले जाते हैं?
क्या तूने कभी उस फाटकों को देखा जो उस मृत्यु के अन्धेरे स्थान को ले जाते हैं?
numquid apertae tibi sunt portae mortis et ostia tenebrosa vidisti