Psalms 107

benedictus Dominus Deus Israhel ab aeterno et usque in aeternum et dicet omnis populus amen alleluia
यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह उत्तम है। उसका प्रेम अमर है।
confitemini Domino quoniam bonus quoniam in aeternum misericordia eius
हर कोई ऐसा व्यक्ति जिसे यहोवा ने बचाया है, इन राष्ट्रों को कहे। हर कोई ऐसा व्यक्ति जिसे यहोवा ने अपने शत्रुओं से छुड़ाया उसके गुण गाओ।
dicant qui redempti sunt a Domino quos redemit de manu hostis et de terris congregavit eos
यहोवा ने निज भक्तों को बहुत से अलग अलग देशों से इकट्ठा किया है। उसने उन्हें पूर्व और पश्चिम से, उत्तर और दक्षिण से जुटाया है।
ab oriente et ab occidente ab aquilone et mari
कुछ लोग निर्जन मरूभूमि में भटकते रहे। वे लोग ऐसे एक नगर की खोज में थे जहाँ वे रह सकें। किन्तु उन्हें कोई ऐसा नगर नहीं मिला।
erraverunt in solitudine in deserta via civitatem quae habitaretur non reppererunt
वे लोग भूखे थे और प्यासे थे और वे दुर्बल होते जा रहे थे।
esurientes et sitientes anima eorum in ipsis deficiebat
ऐसे उस संकट में सहारा पाने को उन्होंने यहोवा को पुकारा। यहोवा ने उन सभी लोगों को उनके संकट से बचा लिया।
et clamaverunt ad Dominum in tribulatione sua de adflictione eorum eripuit eos
परमेश्वर उन्हें सीधा उन नगरों में ले गया जहाँ वे बसेंगे।
et duxit illos per viam rectam ut venirent in civitatem habitabilem
परमेश्वर का धन्यवाद करो उसके प्रेम के लिये और उन अद्भुत कर्मों के लिये जिन्हें वह अपने लोगों के लिये करता है।
confiteantur Domino misericordiam eius et mirabilia eius in filios hominum
प्यासी आत्मा को परमेश्वर सन्तुष्ट करता है। परमेश्वर उत्तम वस्तुओं से भूखी आत्मा का पेट भरता है।
quia saturavit animam vacuam et animam esurientem implevit bonis
परमेश्वर के कुछ भक्त बन्दी बने ऐसे बन्दीगृह में, वे तालों में बंद थे, जिसमें घना अंधकार था।
habitantes in tenebris et umbra mortis alligatos inopia et ferro
क्यों? क्योंकि उन लोगों ने उन बातों के विरूद्ध लड़ाईयाँ की थी जो परमेश्वर ने कहीं थी, परम परमेश्वर की सम्मति को उन्होंने सुनने से नकारा था।
quia provocaverunt sermones Dei et consilium Excelsi blasphemaverunt
परमेश्वर ने उनके कर्मो के लिये जो उन्होंने किये थे उन लोगों के जीवन को कठिन बनाया। उन्होंने ठोकर खाई और वे गिर पड़े, और उन्हें सहारा देने कोई भी नहीं मिला।
et humiliavit in labore cor eorum ceciderunt et non erat qui adiuvaret
वे व्यक्ति संकट में थे, इसलिए सहारा पाने को यहोवा को पुकारा। यहोवा ने उनके संकटों से उनकी रक्षा की।
et clamaverunt ad Dominum in tribulatione sua et de angustiis eorum salvavit eos
परमेश्वर ने उनको उनके अंधेरे कारागारों से उबार लिया। परमेश्वर ने वे रस्से काटे जिनसे उनको बाँधा गया था।
et eduxit eos de tenebris et umbra mortis et vincula eorum disrupit
यहोवा का धन्यवाद करो। उसके प्रेम के लिये और उन अद्भुत कामों के लिये जिन्हें वह लोगों के लिये करता है उसका धन्यवाद करो।
confiteantur Domino misericordiam eius et mirabilia eius in filios hominum
परमेश्वर हमारे शत्रुओं को हराने में हमें सहायता देता है। उनके काँसें के द्वारों को परमेश्वर तोड़ गिरा सकता है। परमेश्वर उनके द्वारों पर लगी लोहे कि आगलें छिन्न—भिन्न कर सकता है।
quia contrivit portas aereas et vectes ferreos confregit
कुछ लोग अपने अपराधों और अपने पापों से जड़मति बने।
stultos propter viam sceleris eorum et propter iniquitates adflictos
उन लोगों ने खाना छोड़ दिया और वे मरे हुए से हो गये।
omnem cibum abominata est anima eorum et accesserunt ad portas mortis
वे संकट में थे सो उन्होंने सहायता पाने को यहोवा को पुकारा। यहोवा ने उन्हें उनके संकटों से बचा लिया।
et clamaverunt ad Dominum in tribulatione sua de angustiis eorum salvavit eos
परमेश्वर ने आदेश दिया और लोगों को चँगा किया। इस प्रकार वे व्यक्ति कब्रों से बचाये गये।
misit verbum suum et sanavit eos et salvavit de interitu
उसके प्रेम के लिये यहोवा का धन्यवाद करो उसके वे अद्भुत कामों के लिये उसका धन्यवाद करो जिन्हें वह लोगों के लिये करता है।
confiteantur Domino misericordiam eius et mirabilia eius in filios hominum
यहोवा को धन्यवाद देने बलि अर्पित करो, सभी कार्मो को जो उसने किये हैं। यहोवा ने जिनको किया है, उन बातों को आनन्द के साथ बखानो।
et immolent hostias gratiarum et narrent opera eius in laude
कुछ लोग अपने काम करने को अपनी नावों से समुद्र पार कर गये।
qui descendunt in mare navibus facientes opus in aquis multis
उन लोगों ने ऐसी बातों को देखा है जिनको यहोवा कर सकता है। उन्होंने उन अद्भुत बातों को देखा है जिन्हें यहोवा ने सागर पर किया है।
ipsi viderunt opera Domini et mirabilia eius in profundo
परमेश्वर ने आदेश दिया, फिर एक तीव्र पवन तभी चलने लगी। बड़ी से बड़ी लहरे आकार लेने लगी।
dixit et surrexit ventus tempestatis et elevavit gurgites eius
लहरे इतनी ऊपर उठीं जितना आकाश हो तूफान इतना भयानक था कि लोग भयभीत हो गये।
ascendunt in caelum et descendunt in abyssos anima eorum in adflictione consumitur
लोग लड़खड़ा रहे थे, गिरे जा रहे थे जैसे नशे में धुत हो। खिवैया उनकी बुद्धि जैसे व्यर्थ हो गयी हो।
obstipuerunt et intremuerunt quasi ebrius et universa sapientia eorum absorta est
वे संकट में थे सो उन्होंने सहायता पाने को यहोवा को पुकारा। तब यहोवा ने उनको संकटों से बचा लिया।
clamabunt autem ad Dominum in tribulatione sua et de angustia educet eos
परमेश्वर ने तूफान को रोका और लहरें शांत हो गयी।
statuet turbinem in tranquillitatem et silebunt fluctus eius
खिवैया प्रसन्न थे कि सागर शांत हुआ था। परमेश्वर उनको उसी सुरक्षित स्थान पर ले गया जहाँ वे जाना चाहते थे।
laetabuntur quoniam quieverunt et deducet eos ad portum quem voluerunt
यहोवा का धन्यवाद करो उसके प्रेम के लिये धन्यवाद करो उन अद्भुत कामों के लिये जिन्हें वह लोगों के लिये करता है।
confiteantur Domino misericordiam eius et mirabilia eius in filios hominum
महासभा के बीच उसका गुणगान करो। जब बुजुर्ग नेता आपस में मिलते हों उसकी प्रशंसा करों।
et exaltent eum in ecclesia populi et in cathedra seniorum laudent eum
परमेश्वर ने नदियाँ मरूभूमि में बदल दीं। परमेश्वर ने झरनों के प्रवाह को रोका।
ponet flumina in desertum et fontes aquarum in sitim
परमेश्वर ने उपजाऊँ भूमि को व्यर्थ की रेही भूमि में बदल दिया। क्यों क्योंकि वहाँ बसे दुष्ट लोगों ने बुरे कर्म किये थे।
terram fructiferam in salsuginem prae malitia habitatorum eius
और परमेश्वर ने मरूभूमि को झीलों की धरती में बदला। उसने सूखी धरती से जल के स्रोत बहा दिये।
ponet desertum in paludes aquarum et terram inviam in fontes aquarum
परमेश्वर भूखे जनों को उस अच्छी धरती पर ले गया और उन लोगों ने अपने रहने को वहाँ एक नगर बसाया।
et conlocabit ibi esurientes et fundabunt urbem ad habitandum
फिर उन लोगों ने अपने खेतों में बीजों को रोप दिया। उन्होंने बगीचों में अंगूर रोप दिये, और उन्होंने एक उत्तम फसल पा ली।
et serent agros et plantabunt vineas et facient fruges genimina
परमेश्वर ने उन लोगों को आशिर्वाद दिया। उनके परिवार फलने फूलने लगे। उनके पास बहुत सारे पशु हुए।
et benedicet eis et multiplicabuntur nimis et pecora eorum non inminuet
उनके परिवार विनाश और संकट के कारण छोटे थे और वे दुर्बल थे।
inminuta sunt autem et adflicta propter angustiam mali et doloris
परमेश्वर ने उनके प्रमुखों को कुचला और अपमानित किया था। परमेश्वर ने उनको पथहीन मरूभूमि में भटकाया।
et effundet despectionem super principes et errare eos faciet in solitudine devia
किन्तु परमेश्वर ने तभी उन दीन लोगों को उनकी याचना से बचा कर निकाल लिया। अब तो उनके घराने बड़े हैं, उतने बड़े जितनी भेड़ों के झुण्ड।
et sublevabit pauperem de inopia et ponet quasi gregem familias
भले लोग इसको देखते हैं और आनन्दित होते हैं, किन्तु कुटिल इसको देखते हैं और नहीं जानते कि वे क्या कहें।
videbunt recti et laetabuntur et omnis iniquitas contrahet os suum
यदि कोई व्यक्ति विवेकी है तो वह इन बातों को याद रखेगा। यदि कोई व्यक्ति विवेकी है तो वह समझेगा कि सचमुच परमेश्वर का प्रेम कैसा है।