Ο ποιησας εμε εν τη κοιλια, δεν εποιησε και εκεινον; και δεν εμορφωσεν ημας ο αυτος εν τη μητρα;
परमेश्वर ने मुझको मेरी माता के गर्भ में बनाया, और मेरे दासों को भी उसने माता के गर्भ में हीं बनाया,
उसने हम दोनों ही को अपनी—अपनी माता के भीतर ही रूप दिया है।
αν οι νεφροι αυτου δεν με ευλογησαν και δεν εθερμανθη με το μαλλιον των προβατων μου,
तो मैं सदा उन लोगों को वस्त्र देता रहा,
मैंने उन्हें गर्म रखने को मैंने स्वयं अपनी भेड़ों के ऊन का उपयोग किया,
तो वे मुझे अपने समूचे मन से आशीष दिया करते थे।
διοτι μηπως εφοβουμην μεγα πληθος, η με ετρομαζεν η καταφρονησις των οικογενειων, ωστε να σιωπησω και να μη εκβω εκ της θυρας;
क्यों क्योंकि लोग कहा करते हैं कि मैं उससे कभी नहीं डरा।
मैं कभी चुप न रहा और मैंने कभी बाहर जाने से मना नहीं किया
क्योंकि उन लोगों से जो मेरे प्रति बैर रखते हैं कभी नहीं डरा।
Ω να ητο τις να με ηκουεν. Ιδου, η επιθυμια μου ειναι να απεκρινετο ο Παντοδυναμος εις εμε, και ο αντιδικος μου να εγραφε βιβλιον.
“ओह! काश कोई होता जो मेरी सुनता!
मुझे अपनी बात समझाने दो।
काश! शक्तिशाली परमेश्वर मुझे उत्तर देता।
काश! वह उन बातों को लिखता जो मैंने गलत किया था उसकी दृष्टि में।