परमेश्वर ने मुझको मेरी माता के गर्भ में बनाया, और मेरे दासों को भी उसने माता के गर्भ में हीं बनाया,
उसने हम दोनों ही को अपनी—अपनी माता के भीतर ही रूप दिया है।
numquid non in utero fecit me qui et illum operatus est et formavit in vulva unus
तो मैं सदा उन लोगों को वस्त्र देता रहा,
मैंने उन्हें गर्म रखने को मैंने स्वयं अपनी भेड़ों के ऊन का उपयोग किया,
तो वे मुझे अपने समूचे मन से आशीष दिया करते थे।
si non benedixerunt mihi latera eius et de velleribus ovium mearum calefactus est
क्यों क्योंकि लोग कहा करते हैं कि मैं उससे कभी नहीं डरा।
मैं कभी चुप न रहा और मैंने कभी बाहर जाने से मना नहीं किया
क्योंकि उन लोगों से जो मेरे प्रति बैर रखते हैं कभी नहीं डरा।
si expavi ad multitudinem nimiam et despectio propinquorum terruit me et non magis tacui nec egressus sum ostium
“ओह! काश कोई होता जो मेरी सुनता!
मुझे अपनी बात समझाने दो।
काश! शक्तिशाली परमेश्वर मुझे उत्तर देता।
काश! वह उन बातों को लिखता जो मैंने गलत किया था उसकी दृष्टि में।
quis mihi tribuat auditorem ut desiderium meum Omnipotens audiat et librum scribat ipse qui iudicat