Psalms 73

सचमुच, इस्राएल के प्रति परमेश्वर भला है। परमेश्वर उन लोगों के लिए भला होता है जिनके हृदय स्वच्छ है।
quia aemulatus sum contra iniquos pacem impiorum videns
मैं तो लगभग फिसल गया था और पाप करने लगा।
quod non recogitaverint de morte sua et firma sint vestibula eorum
जब मैंने देखा कि पापी सफल हो रहे हैं और शांति से रह रहे हैं, तो उन अभिमानी लोगों से मुझको जलन हुयी।
in labore hominum non sunt et cum hominibus non flagellabuntur
वे लोग स्वस्थ हैं उन्हें जीवन के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता है।
ideo nutriti sunt ad superbiam circumdederunt iniquitatem sibi
वे अभिमानी लोग पीड़ायें नहीं उठाते है। जैसे हम लोग दु;ख झेलते हैं, वैसे उनको औरों की तरह यातनाएँ नहीं होती।
processerunt a pinguidine oculi eorum transierunt cogitationes cordis
इसलिए वे अहंकार से भरे रहते हैं। और वे घृणा से भरे हुए रहते हैं। ये वैसा ही साफ दिखता है, जैसे रत्न और वे सुन्दर वस्त्र जिनको वे पहने हैं।
inriserunt et locuti sunt in malitia calumniam de excelso loquentes
वे लोग ऐसे है कि यदि कोई वस्तु देखते हैं और उनको पसन्द आ जाती है, तो उसे बढ़कर झपट लेते हैं। वे वैसे ही करते हैं, जैसे उन्हें भाता है।
posuerunt in caelo os suum et lingua eorum deambulavit in terra
वे दूसरों के बारें में क्रूर बातें और बुरी बुरी बातें कहते है। वे अहंकारी और हठी है। वे दूसरे लोगों से लाभ उठाने का रास्ता बनाते है।
propterea convertetur populus eius hic et quis plenus invenietur in eis
अभिमानी मनुष्य सोचते हैं वे देवता हैं! वे अपने आप को धरती का शासक समझते हैं।
et dixerunt quomodo novit Deus et si est scientia in Excelso
यहाँ तक कि परमेश्वर के जन, उन दुष्टों की ओर मुड़ते और जैसा वे कहते है, वैसा विश्वास कर लेते हैं।
ecce isti impii et abundantes in saeculo multiplicaverunt divitias
वे दुष्ट जन कहते हैं, “हमारे उन कर्मो को परमेश्वर नहीं जानता! जिनकों हम कर रहे हैं!”
ergone frustra mundavi cor meum et lavi in innocentia manus meas
वे मनुष्य अभिमान और कुटिल हैं, किन्तु वे निरन्तर धनी और अधिक धनी होते जा रहे हैं।
et fui flagellatus tota die et increpatio mea in matutinis
सो मैं अपना मन पवित्र क्यों बनाता रहूँ? अपने हाथों को सदा निर्मल क्यों करता रहूँ?
dixi si narravero sic ecce generationem filiorum tuorum reliqui
हे परमेश्वर, मैं सारे ही दिन दु:ख भोगा करता हूँ। तू हर सुबह मुझको दण्ड देता है।
et cogitavi ut intellegerem istud labor est in oculis meis
हे परमेश्वर, मैं ये बातें दूसरो को बताना चाहता था। किन्तु मैं जानता था और मैं ऐसे ही तेरे भक्तों के विरूद्ध हो जाता था।
donec veniam ad sanctuaria Dei intellegam in novissimo eorum
इन बातों को समझने का, मैंने जतन किया किन्तु इनका समझना मेरे लिए बहुत कठिन था,
verumtamen in lubrico posuisti eos deiecisti eos ad interitum
जब तक मैं तेरे मन्दिर में नहीं गया। मैं परमेश्वर के मन्दिर में गया और तब मैं समझा।
quomodo vastati sunt subito defecerunt consumpti sunt quasi non sint
हे परमेश्वर, सचमुच तूने उन लोगों को भयंकर परिस्थिति में रखा है। उनका गिर जाना बहुत ही सरल है। उनका नष्ट हो जाना बहुत ही सरल है।
quasi somnium evigilantis Domine in civitate tua imaginem eorum ad nihilum rediges
सहसा उन पर विपत्ति पड़ सकती है, और वे अहंकारी जन नष्ट हो जाते हैं। उनके साथ भयंकर घटनाएँ घट सकती हैं, और फिर उनका अंत हो जाता है।
quia contractum est cor meum et lumbi mei velut ignis fumigans
हे यहोवा, वे मनुष्य ऐसे होंगे जैसे स्वप्न जिसको हम जागते ही भुल जाते हैं। तू ऐसे लोगों को हमारे स्वप्न के भयानक जन्तु की तरह अदृश्य कर दे।
et ego insipiens et nescius
मैं अज्ञान था। मैंने धनिकों और दुष्ट लोगों पर विचारा, और मैं व्याकुल हो गया। हे परमेश्वर, मैं तुझ पर क्रोधित हुआ! मैं निर्बुद्धि जानवर सा व्यवहार किया।
quasi iumentum factus sum apud te et eram semper tecum
मैं अज्ञान था। मैंने धनिकों और दुष्ट लोगों पर विचारा, और मैं व्याकुल हो गया। हे परमेश्वर, मैं तुझ पर क्रोधित हुआ! मैं निर्बुद्धि जानवर सा व्यवहार किया।
et tenebas manum dexteram meam in consilium tuum deduces me et postea in gloria suscipies me
वह सब कुछ मेरे पास है, जिसकी मुझे अपेक्षा है। मैं तेरे साथ हरदम हूँ। हे परमेश्वर, तू मेरा हाथ थामें है।
quid mihi est in caelo et tecum nolui in terra
हे परमेश्वर, तू मुझे मार्ग दिखलाता, और मुझे सम्मति देता है। अंत में तू अपनी महिमा में मेरा नेतृत्व करेगा।
consumpta est caro mea et cor meum robur cordis mei et pars mea Deus in aeternum
हे परमेश्वर, स्वर्ग में बस तू ही मेरा है, और धरती पर मुझे क्या चाहिए, जब तू मेरे साथ है
quia ecce qui elongant se a te peribunt perdidisti omnem fornicantem a te
चाहे मेरा मन टूट जाये और मेरी काया नष्ट हो जाये किन्तु वह चट्टान मेरे पास है, जिसे मैं प्रेम करता हूँ। परमेश्वर मेरे पास सदा है!
mihi autem adpropinquare Deo bonum est posui in Domino Deo spem meam ut narrem omnes adnuntiationes tuas
परमेश्वर, जो लोग तुझको त्यागते हैं, वे नष्ट हो जाते है। जिनका विश्वास तुझमें नहीं तू उन लोगों को नष्ट कर देगा।
eruditionis Asaph ut quid Deus reppulisti in finem fumavit furor tuus in gregem pascuae tuae
किन्तु, मैं परमेश्वर के निकट आया। मेरे साथ परमेश्वर भला है, मैंने अपना सुरक्षास्थान अपने स्वामी यहोवा को बनाया है। हे परमेश्वर, मैं उन सभी बातों का बखान करूँगा जिनको तूने किया है।
recordare congregationis tuae quam possedisti ab initio et redemisti virgam hereditatis tuae montis Sion in quo habitasti