दुर्जन तो अपनी तलवारें उठाते हैं और धनुष साधते हैं। वे दीनों, असहायों को मारना चाहते हैं।
वे सच्चे, सज्जनों को मारना चाहते हैं।
Les méchants tirent le glaive, Ils bandent leur arc, Pour faire tomber le malheureux et l'indigent, Pour égorger ceux dont la voie est droite.