Proverbs 21

قَلْبُ الْمَلِكِ فِي يَدِ الرَّبِّ كَجَدَاوِلِ مِيَاهٍ، حَيْثُمَا شَاءَ يُمِيلُهُ.
राजाओं का मन यहोवा के हाथ होता, जहाँ भी वह चाहता उसको मोड़ देता है वैसे ही जैसे कोई कृषक पानी खेत का।
كُلُّ طُرُقِ الإِنْسَانِ مُسْتَقِيمَةٌ فِي عَيْنَيْهِ، وَالرَّبُّ وَازِنُ الْقُلُوبِ.
सबको अपनी—अपनी राहें उत्तम लगती हैं किन्तु यहोवा तो मन को तौलता है।
فِعْلُ الْعَدْلِ وَالْحَقِّ أَفْضَلُ عِنْدَ الرَّبِّ مِنَ الذَّبِيحَةِ.
तेरा उस कर्म का करना जो उचित और नेक है यहोवा को अधिक चढ़ावा चढ़ाने से ग्राह्य है।
طُمُوحُ الْعَيْنَيْنِ وَانْتِفَاخُ الْقَلْبِ، نُورُ الأَشْرَارِ خَطِيَّةٌ.
गर्वीली आँखें और दर्पीला मन पाप हैं ये दुष्ट की दुष्टता को प्रकाश में लाते हैं।
أَفْكَارُ الْمُجْتَهِدِ إِنَّمَا هِيَ لِلْخِصْبِ، وَكُلُّ عَجُول إِنَّمَا هُوَ لِلْعَوَزِ.
परिश्रमी की योजनाएँ लाभ देती हैं यह वैसे ही निश्चित है जैसे उतावली से दरिद्रता आती है।
جَمْعُ الْكُنُوزِ بِلِسَانٍ كَاذِبٍ، هُوَ بُخَارٌ مَطْرُودٌ لِطَالِبِي الْمَوْتِ.
झूठ बोल—बोल कर कमाई धन दौलत भाप सी अस्थिर है, और वह घातक फंदा बन जाती है।
اِغْتِصَابُ الأَشْرَارِ يَجْرُفُهُمْ، لأَنَّهُمْ أَبَوْا إِجْرَاءَ الْعَدْلِ.
दुष्ट की हिंसा उन्हें खींच ले डूबेगी क्योंकि वे उचित कर्म करना नहीं चाहते।
طَرِيقُ رَجُل مَوْزُورٍ هِيَ مُلْتَوِيَةٌ، أَمَّا الزَّكِيُّ فَعَمَلُهُ مُسْتَقِيمٌ.
अपराधी का मार्ग कुटिलता — पूर्ण होता है किन्तु जो सज्जन हैं उसकी राह सीधी होती हैं।
اَلسُّكْنَى فِي زَاوِيَةِ السَّطْحِ، خَيْرٌ مِنِ امْرَأَةٍ مُخَاصِمَةٍ وَبَيْتٍ مُشْتَرِكٍ.
झगड़ालू पत्नी के संग घर में निवास से, छत के किसी कोने पर रहना अच्छा है।
نَفْسُ الشِّرِّيرِ تَشْتَهِي الشَّرَّ. قَرِيبُهُ لاَ يَجِدُ نِعْمَةً فِي عَيْنَيْهِ.
दुष्ट जन सदा पाप करने को इच्छुक रहता, उसका पड़ोसी उससे दया नहीं पाता।
بِمُعَاقَبَةِ الْمُسْتَهْزِئِ يَصِيرُ الأَحْمَقُ حَكِيمًا، وَالْحَكِيمُ بِالإِرْشَادِ يَقْبَلُ مَعْرِفَةً.
जब उच्छृंखल दण्ड पाता है तब सरल जन को बुद्धि मिल जाती है; किन्तु बुद्धिमान तो सुधारे जाने पर ही ज्ञान को पाता है।
اَلْبَارُّ يَتَأَمَّلُ بَيْتَ الشِّرِّيرِ وَيَقْلِبُ الأَشْرَارَ فِي الشَّرِّ.
न्यायपूर्ण परमेश्वर दुष्ट के घर पर आँख रखता है, और दुष्ट जन का वह नाश कर देता है।
مَنْ يَسُدُّ أُذُنَيْهِ عَنْ صُرَاخِ الْمِسْكِينِ، فَهُوَ أَيْضًا يَصْرُخُ وَلاَ يُسْتَجَابُ.
यदि किसी गरीब की, करुणा पुकार पर कोई मनुष्य निज कान बंद करता है, तो वह जब पुकारेगा उसकी पुकार भी नहीं सुनी जायेगी।
اَلْهَدِيَّةُ فِي الْخَفَاءِ تَفْثَأُ الْغَضَبَ، وَالرَّشْوَةُ فِي الْحِضْنِ تَفْثَأُ السَّخَطَ الشَّدِيدَ.
गुप्त रुप से दिया गया उपहार क्रोध को शांत करता, और छिपा कर दी गई घूंस भंयकर क्रोध शांत करती है।
إِجْرَاءُ الْحَقِّ فَرَحٌ لِلصِّدِّيقِ، وَالْهَلاَكُ لِفَاعِلِي الإِثْمِ.
न्याय जब पूर्ण होता धर्मी को सुख होता, किन्तु कुकर्मियों को महा भय होता है।
اَلرَّجُلُ الضَّالُّ عَنْ طَرِيقِ الْمَعْرِفَةِ يَسْكُنُ بَيْنَ جَمَاعَةِ الأَخِيلَةِ.
जो मनुष्य समझ—बूझ के पथ से भटक जाता है, वह विश्राम करने के लिये मृतकों का साथी बनता है।
مُحِبُّ الْفَرَحِ إِنْسَانٌ مُعْوِزٌ. مُحِبُّ الْخَمْرِ وَالدُّهْنِ لاَ يَسْتَغْنِي.
जो सुख भोगों से प्रेम करता रहता वह दरिद्र हो जायेगा, और जो मदिरा का प्रेमी है, तेल का कभी धनी नहीं होगा।
اَلشِّرِّيرُ فِدْيَةُ الصِّدِّيقِ، وَمَكَانَ الْمُسْتَقِيمِينَ الْغَادِرُ.
दुर्जन को उन सभी बुरी बातों का फल भुगतना ही पड़ेगा, जो सज्जन के विरुद्ध करते हैं। बेईमान लोगों को उनके किये का फल भुगतना पड़ेगा जो इमानदार लोगों के विरुद्ध करते है।
اَلسُّكْنَى فِي أَرْضٍ بَرِّيَّةٍ خَيْرٌ مِنِ امْرَأَةٍ مُخَاصِمَةٍ حَرِدَةٍ.
चिड़चिड़ी झगड़ालू पत्नी के संग रहने से निर्जन बंजर में रहना उत्तम है।
كَنْزٌ مُشْتَهًى وَزَيْتٌ فِي بَيْتِ الْحَكِيمِ، أَمَّا الرَّجُلُ الْجَاهِلُ فَيُتْلِفُهُ.
विवेकी के घर में मन चीते भोजन और प्रचुर तेल के भंडार भरे होते हैं किन्तु मूर्ख व्यक्ति जो उसके पास होता है, सब चट कर जाता है।
اَلتَّابعُ الْعَدْلَ وَالرَّحْمَةَ يَجِدُ حَيَاةً، حَظًّا وَكَرَامَةً.
जो जन नेकी और प्रेम का पालन करता है, वह जीवन, सम्पन्नता और समादर को प्राप्त करता है।
اَلْحَكِيمُ يَتَسَوَّرُ مَدِينَةَ الْجَبَابِرَةِ، وَيُسْقِطُ قُوَّةَ مُعْتَمَدِهَا.
बुद्धिमान जन को कुछ भी कठिन नहीं है। वह ऐसे नगर पर भी चढ़ायी कर सकता है जिसकी रखवाली शूरवीर करते हों, वह उस परकोटे को ध्वस्त कर सकता है जिसके प्रति वे अपनी सुरक्षा को विश्वस्त थे।
مَنْ يَحْفَظُ فَمَهُ وَلِسَانَهُ، يَحْفَظُ مِنَ الضِّيقَاتِ نَفْسَهُ.
वह जो निज मुख को और अपनी जीभ को वश में रखता वह अपने आपको विपत्ति से बचाता है।
اَلْمُنْتَفِخُ الْمُتَكَبِّرُ اسْمُهُ «مُسْتَهْزِئٌ»، عَامِلٌ بِفَيَضَانِ الْكِبْرِيَاءِ.
ऐसे मनुष्य अहंकारी होता, जो निज को औरों से श्रेष्ठ समझता है, उस का नाम ही “अभिमानी” होता है। अपने ही कर्मो से वह दिखा देता है कि वह दुष्ट होता है।
شَهْوَةُ الْكَسْلاَنِ تَقْتُلُهُ، لأَنَّ يَدَيْهِ تَأْبَيَانِ الشُّغْلَ.
आलसी पुरूष के लिये उसकी ही लालसाएँ उसके मरण का कारण बन जाती हैं क्योंकि उसके हाथ कर्म को नहीं अपनाते।
اَلْيَوْمَ كُلَّهُ يَشْتَهِي شَهْوَةً، أَمَّا الصِّدِّيقُ فَيُعْطِي وَلاَ يُمْسِكُ.
दिन भर वह चाहता ही रहता यह उसको और मिले, और किन्तु धर्मी जन तो बिना हाथ खींचे देता ही रहता है।
ذَبِيحَةُ الشِّرِّيرِ مَكْرَهَةٌ، فَكَمْ بِالْحَرِيِّ حِينَ يُقَدِّمُهَا بِغِشٍّ!
दुष्ट का चढ़ावा यूँ ही घृणापूर्ण होता है फिर कितना बुरा होगा जब वह उसे बुरे भाव से चढ़ावे
شَاهِدُ الزُّورِ يَهْلِكُ، وَالرَّجُلُ السَّامِعُ لِلْحَقِّ يَتَكَلَّمُ.
झूठे गवाह का नाश हो जायेगा; और जो उसकी झूठी बातों को सुनेगा वह भी उस ही के संग सदा सर्वदा के लिये नष्ट हो जायेगा।
اَلشِّرِّيرُ يُوقِحُ وَجْهَهُ، أَمَّا الْمُسْتَقِيمُ فَيُثَبِّتُ طُرُقَهُ.
सज्जन तो निज कर्मो पर विचार करता है किन्तु दुर्जन का मुख अकड़ कर दिखाता है।
لَيْسَ حِكْمَةٌ وَلاَ فِطْنَةٌ وَلاَ مَشُورَةٌ تُجَاهَ الرَّبِّ.
यदि यहोवा न चाहें तो, न ही कोई बुद्धि और न ही कोई अर्न्तदृष्टि, न ही कोई योजना पूरी हो सकती है।
اَلْفَرَسُ مُعَدٌّ لِيَوْمِ الْحَرْبِ، أَمَّا النُّصْرَةُ فَمِنَ الرَّبِّ.
युद्ध के दिन को घोड़ा तैयार किया है, किन्तु विजय तो बस यहोवा पर निर्भर है।