لأَنَّهُ هُوَذَا أَيَّامٌ تَأْتِي يَقُولُونَ فِيهَا: طُوبَى لِلْعَوَاقِرِ وَالْبُطُونِ الَّتِي لَمْ تَلِدْ وَالثُّدِيِّ الَّتِي لَمْ تُرْضِعْ!
क्योंकि ऐसे दिन आ रहे हैं जब लोग कहेंगे, ‘वे स्त्रियाँ धन्य हैं, जो बाँझ हैं और धन्य हैं, वे कोख जिन्होंने किसी को कभी जन्म ही नहीं दिया। वे स्तन धन्य हैं जिन्होंने कभी दूध नहीं पिलाया।’