फ़सह पर्व और बिना खमीर की रोटी का उत्सव आने से दो दिन पहले की बात है कि प्रमुख याजक और यहूदी धर्मशास्त्री कोई ऐसा रास्ता ढूँढ रहे थे जिससे चालाकी के साथ उसे बंदी बनाया जाये और मार डाला जाये।
erat autem pascha et azyma post biduum et quaerebant summi sacerdotes et scribae quomodo eum dolo tenerent et occiderent
जब यीशु बैतनिय्याह में शमौन कोढ़ी के घर भोजन करने बैठा था, तभी एक स्त्री सफेद चिकने स्फटिक के एक पात्र में शुद्ध बाल छड़ का इत्र लिये आयी। उसने उस पात्र को तोड़ा और इत्र को यीशु के सिर पर उँडेल दिया।
et cum esset Bethaniae in domo Simonis leprosi et recumberet venit mulier habens alabastrum unguenti nardi spicati pretiosi et fracto alabastro effudit super caput eius
बिना खमीर की रोटी के उत्सव से एक दिन पहले, जब फ़सह (मेमने) की बलि दी जाया करती थी उसके शिष्यों ने उससे पूछा, “तू क्या चाहता है कि हम कहाँ जा कर तेरे खाने के लिये फ़सह भोज की तैयारी करें?”
et primo die azymorum quando pascha immolabant dicunt ei discipuli quo vis eamus et paremus tibi ut manduces pascha
फिर जहाँ कहीं भी वह भीतर जाये, उस घर के स्वामी से कहना, ‘गुरु ने पूछा है भोजन का मेरा वह कमरा कहाँ है जहाँ मैं अपने शिष्यों के साथ फ़सह का खाना खा सकूँ।’
et quocumque introierit dicite domino domus quia magister dicit ubi est refectio mea ubi pascha cum discipulis meis manducem
मनुष्य के पुत्र को तो जाना ही है, जैसा कि उसके बारे में लिखा है। पर उस व्यक्ति को धिक्कार है जिसके द्वारा मनुष्य का पुत्र पकड़वाया जाएगा। उस व्यक्ति के लिये कितना अच्छा होता कि वह पैदा ही न हुआ होता।”
et Filius quidem hominis vadit sicut scriptum est de eo vae autem homini illi per quem Filius hominis traditur bonum ei si non esset natus homo ille
फिर उसने कहा, *“हे परम पिता!* तेरे लिये सब कुछ सम्भव है। इस कटोरे को मुझ से दूर कर। फिर जो कुछ भी मैं चाहता हूँ, वह नहीं बल्कि जो तू चाहता है, वही कर।”
et dixit Abba Pater omnia possibilia tibi sunt transfer calicem hunc a me sed non quod ego volo sed quod tu
वह तीसरी बार फिर लौट कर आया और उनसे बोला, “क्या तुम अब भी आराम से सो रहे हो? अच्छा, तो सोते रहो। वह घड़ी आ पहुँची है जब मनुष्य का पुत्र धोखे से पकड़वाया जा कर पापियों के हाथों सौंपा जा रहा है।
et venit tertio et ait illis dormite iam et requiescite sufficit venit hora ecce traditur Filius hominis in manus peccatorum
यीशु बोल ही रहा था कि उसके बारह शिष्यों में से एक यहूदा वहाँ दिखाई पड़ा। उसके साथ लाठियाँ और तलवारें लिए एक भीड़ थी, जिसे याजकों, धर्मशास्त्रियों और बुजुर्ग यहूदी नेताओं ने भेजा था।
et adhuc eo loquente venit Iudas Scarioth unus ex duodecim et cum illo turba cum gladiis et lignis a summis sacerdotibus et a scribis et a senioribus
किन्तु पतरस मुकर गया और कहने लगा, “मैं नहीं जानता या मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि तू क्या कह रही है।” यह कहते हुए वह ड्योढ़ी तक चला गया, और मुर्गे ने बाँग दी।
at ille negavit dicens neque scio neque novi quid dicas et exiit foras ante atrium et gallus cantavit
तत्काल, मुर्गे ने दूसरी बार बाँग दी। पतरस को उसी समय वे शब्द याद हो आये जो उससे यीशु ने कहे थे: “इससे पहले कि मुर्गा दो बार बाँग दे, तू मुझे तीन बार नकारेगा।” तब पतरस जैसे टूट गया। वह फूट-फूट कर रोने लगा।
et statim iterum gallus cantavit et recordatus est Petrus verbi quod dixerat ei Iesus priusquam gallus cantet bis ter me negabis et coepit flere