Mark 1

यह परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह के शुभ संदेश का प्रारम्भ है।
initium evangelii Iesu Christi Filii Dei
भविष्यवक्ता यशायाह की पुस्तक में लिखा है कि: “सुन! मैं अपने दूत को तुझसे पहले भेज रहा हूँ। वह तेरे लिये मार्ग तैयार करेगा।” मलाकी 3:1
sicut scriptum est in Esaia propheta ecce mitto angelum meum ante faciem tuam qui praeparabit viam tuam
“जंगल में किसी पुकारने वाले का शब्द सुनाई दे रहा है: ‘प्रभु के लिये मार्ग तैयार करो। और उसके लिये राहें सीधी बनाओ।’” यशायाह 40:3
vox clamantis in deserto parate viam Domini rectas facite semitas eius
यूहन्ना लोगों को जंगल में बपतिस्मा देते आया था। उसने लोगों से पापों की क्षमा के लिए मन फिराव का बपतिस्मा लेने को कहा।
fuit Iohannes in deserto baptizans et praedicans baptismum paenitentiae in remissionem peccatorum
फिर समूचे यहूदिया देश के और यरूशलेम के लोग उसके पास गये और उस ने यर्दन नदी में उन्हें बपतिस्मा दिया। क्योंकि उन्होंने अपने पाप मान लिये थे।
et egrediebatur ad illum omnis Iudaeae regio et Hierosolymitae universi et baptizabantur ab illo in Iordane flumine confitentes peccata sua
यूहन्ना ऊँट के बालों के बने वस्त्र पहनता था और कमर पर चमड़े की पेटी बाँधे रहता था। वह टिड्डियाँ और जंगली शहद खाया करता था।
et erat Iohannes vestitus pilis cameli et zona pellicia circa lumbos eius et lucustas et mel silvestre edebat
वह इस बात का प्रचार करता था: “मेरे बाद मुझसे अधिक शक्तिशाली एक व्यक्ति आ रहा है। मैं इस योग्य भी नहीं हूँ कि झुक कर उसके जूतों के बन्ध तक खोल सकूँ।
et praedicabat dicens venit fortior me post me cuius non sum dignus procumbens solvere corrigiam calciamentorum eius
मैं तुम्हें जल से बपतिस्मा देता हूँ किन्तु वह पवित्र आत्मा से तुम्हें बपतिस्मा देगा।”
ego baptizavi vos aqua ille vero baptizabit vos Spiritu Sancto
उन दिनों ऐसा हुआ कि यीशु नासरत से गलील आया और यर्दन नदी में उसने यूहन्ना से बपतिस्मा लिया।
et factum est in diebus illis venit Iesus a Nazareth Galilaeae et baptizatus est in Iordane ab Iohanne
जैसे ही वह जल से बाहर आया उसने आकाश को खुले हुए देखा। और देखा कि एक कबूतर के रूप में आत्मा उस पर उतर रहा है।
et statim ascendens de aqua vidit apertos caelos et Spiritum tamquam columbam descendentem et manentem in ipso
फिर आकाशवाणी हुई: “तू मेरा पुत्र है, जिसे मैं प्यार करता हूँ। मैं तुझ से बहुत प्रसन्न हूँ।”
et vox facta est de caelis tu es Filius meus dilectus in te conplacui
फिर आत्मा ने उसे तत्काल बियाबान जंगल में भेज दिया।
et statim Spiritus expellit eum in desertum
जहाँ चालीस दिन तक शैतान उसकी परीक्षा लेता रहा। वह जंगली जानवरों के साथ रहा और स्वर्गदूतों ने उसकी सेवा करते रहे।
et erat in deserto quadraginta diebus et quadraginta noctibus et temptabatur a Satana eratque cum bestiis et angeli ministrabant illi
यूहन्ना को बंदीगृह में डाले जाने के बाद यीशु गलील आया। और परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार का प्रचार करने लगा।
postquam autem traditus est Iohannes venit Iesus in Galilaeam praedicans evangelium regni Dei
उसने कहा, “समय पूरा हो चुका है। परमेश्वर का राज्य आ रहा है। मन फिराओ और सुसमाचार में विश्वास करो।”
et dicens quoniam impletum est tempus et adpropinquavit regnum Dei paenitemini et credite evangelio
जब यीशु गलील झील के किनारे से हो कर जा रहा था उसने शमौन और शमौन के भाई अन्द्रियास को देखा। क्योंकि वे मछुआरा थे इसलिए झील में जाल डाल रहे थे।
et praeteriens secus mare Galilaeae vidit Simonem et Andream fratrem eius mittentes retia in mare erant enim piscatores
यीशु ने उनसे कहा, “मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुआरा बनाऊँगा।”
et dixit eis Iesus venite post me et faciam vos fieri piscatores hominum
उन्होंने तुरंत अपने जाल छोड़ दिये और उसके पीछे चल पड़े।
et protinus relictis retibus secuti sunt eum
फिर थोड़ा आगे बड़ कर यीशु ने जब्दी के बेटे याकूब और उसके भाई यूहन्ना को देखा। वे अपनी नाव में जालों की मरम्मत कर रहे थे।
et progressus inde pusillum vidit Iacobum Zebedaei et Iohannem fratrem eius et ipsos in navi conponentes retia
उसने उन्हें तुरंत बुलाया। सो वे अपने पिता जब्दी को मज़दूरों के साथ नाव में छोड़ कर उसके पीछे चल पड़े।
et statim vocavit illos et relicto patre suo Zebedaeo in navi cum mercennariis secuti sunt eum
और कफरनहूम पहुँचे। फिर अगले सब्त के दिन यीशु आराधनालय में गया और लोगों को उपदेश देने लगा।
et ingrediuntur Capharnaum et statim sabbatis ingressus synagogam docebat eos
उसके उपदेशों पर लोग चकित हुए। क्योंकि वह उन्हें किसी शास्त्र ज्ञाता की तरह नहीं बल्कि एक अधिकारी की तरह उपदेश दे रहा था।
et stupebant super doctrina eius erat enim docens eos quasi potestatem habens et non sicut scribae
उनकी यहूदी आराधनालय में संयोग से एक ऐसा व्यक्ति भी था जिसमें कोई दुष्टात्मा समायी थी। वह चिल्ला कर बोला,
et erat in synagoga eorum homo in spiritu inmundo et exclamavit
“नासरत के यीशु! तुझे हम से क्या चाहिये? क्या तू हमारा नाश करने आया है? मैं जानता हूँ तू कौन है, तू परमेश्वर का पवित्र जन है।”
dicens quid nobis et tibi Iesu Nazarene venisti perdere nos scio qui sis Sanctus Dei
इस पर यीशु ने झिड़कते हुए उससे कहा, “चुप रह! और इसमें से बाहर निकल!”
et comminatus est ei Iesus dicens obmutesce et exi de homine
दुष्टात्मा ने उस व्यक्ति को झिंझोड़ा और वह ज़ोर से चिल्लाती हुई उसमें से निकल गयी।
et discerpens eum spiritus inmundus et exclamans voce magna exivit ab eo
हर व्यक्ति चकित हो उठा। इतना चकित, कि सब आपस में एक दूसरे से पूछने लगे, “यह क्या है? अधिकार के साथ दिया गया एक नया उपदेश! यह दुष्टात्माओं को भी आज्ञा देता है और वे उसे मानती हैं।”
et mirati sunt omnes ita ut conquirerent inter se dicentes quidnam est hoc quae doctrina haec nova quia in potestate et spiritibus inmundis imperat et oboediunt ei
इस तरह गलील और उसके आसपास हर कहीं यीशु का नाम जल्दी ही फैल गया।
et processit rumor eius statim in omnem regionem Galilaeae
फिर वे आराधनालय से निकल कर याकूब और यूहन्ना के साथ सीधे शमौन और अन्द्रियास के घर पहुँचे।
et protinus egredientes de synagoga venerunt in domum Simonis et Andreae cum Iacobo et Iohanne
शमौन की सास ज्वर से पीड़ित थी इसलिए उन्होंने यीशु को तत्काल उसके बारे में बताया।
decumbebat autem socrus Simonis febricitans et statim dicunt ei de illa
यीशु उसके पास गया और हाथ पकड़ कर उसे उठाया। तुरंत उसका ज्वर उतर गया और वह उनकी सेवा करने लगी।
et accedens elevavit eam adprehensa manu eius et continuo dimisit eam febris et ministrabat eis
सूरज डूबने के बाद जब शाम हुई तो वहाँ के लोग सभी रोगियों और दुष्टात्माओं से पीड़ित लोगों को उसके पास लाये।
vespere autem facto cum occidisset sol adferebant ad eum omnes male habentes et daemonia habentes
सारा नगर उसके द्वार पर उमड़ पड़ा।
et erat omnis civitas congregata ad ianuam
उसने तरह तरह के रोगों से पीड़ित बहुत से लोगों को चंगा किया और बहुत से लोगों को दुष्टात्माओं से छुटकारा दिलाया। क्योंकि वे उसे जानती थीं इसलिये उसने उन्हें बोलने नहीं दिया।
et curavit multos qui vexabantur variis languoribus et daemonia multa eiciebat et non sinebat loqui ea quoniam sciebant eum
अँधेरा रहते, सुबह सवेरे वह घर छोड़ कर किसी एकांत स्थान पर चला गया जहाँ उसने प्रार्थना की।
et diluculo valde surgens egressus abiit in desertum locum ibique orabat
किन्तु शमौन और उसके साथी उसे ढूँढने निकले
et persecutus est eum Simon et qui cum illo erant
और उसे पा कर बोले, “हर व्यक्ति तेरी खोज में है।”
et cum invenissent eum dixerunt ei quia omnes quaerunt te
इस पर यीशु ने उनसे कहा, “हमें दूसरे नगरों में जाना ही चाहिये ताकि वहाँ भी उपदेश दिया जा सके क्योंकि मैं इसी के लिए आया हूँ।”
et ait illis eamus in proximos vicos et civitates ut et ibi praedicem ad hoc enim veni
इस तरह वह गलील में सब कहीं उनकी आराधनालयों में उपदेश देता और दुष्टात्माओं को निकालता गया।
et erat praedicans in synagogis eorum et omni Galilaea et daemonia eiciens
फिर एक कोढ़ी उसके पास आया। उसने उसके सामने झुक कर उससे विनती की और कहा, “यदि तू चाहे, तो तू मुझे ठीक कर सकता है।”
et venit ad eum leprosus deprecans eum et genu flexo dixit si vis potes me mundare
उसे उस पर गुस्सा आया और उसने अपना हाथ फैला कर उसे छुआ और कहा, “मैं चाहता हूँ कि तुम अच्छे हो जाओ!”
Iesus autem misertus eius extendit manum suam et tangens eum ait illi volo mundare
और उसे तत्काल कोढ़ से छुटकारा मिल गया। वह पूरी तरह शुद्ध हो गया।
et cum dixisset statim discessit ab eo lepra et mundatus est
यीशु ने उसे कड़ी चेतावनी दी और तुरन्त भेज दिया।
et comminatus ei statim eiecit illum
यीशु ने उससे कहा, “देख इसके बारे में तू किसी को कुछ नहीं बताना। किन्तु याजक के पास जा और उसे अपने आप को दिखा। और मूसा के नियम के अनुसार अपने ठीक होने की भेंट अर्पित कर ताकि हर किसी को तेरे ठीक होने की साक्षी मिले।”
et dicit ei vide nemini dixeris sed vade ostende te principi sacerdotum et offer pro emundatione tua quae praecepit Moses in testimonium illis
परन्तु वह बाहर जाकर खुले तौर पर इस बारे में लोगों से बातचीत करके इसका प्रचार करने लगा। इससे यीशु फिर कभी नगर में खुले तौर पर नहीं जा सका। वह एकांत स्थानों में रहने लगा किन्तु लोग हर कहीं से उसके पास आते रहे।
at ille egressus coepit praedicare et diffamare sermonem ita ut iam non posset manifeste in civitatem introire sed foris in desertis locis esse et conveniebant ad eum undique