परमेश्वर प्रमुखों से अन्य व्यक्तियों की अपेक्षा अधिक प्रेम नहीं करता,
और परमेश्वर धनिकों की अपेक्षा गरीबों से अधिक प्रेम नहीं करता है।
क्योंकि सभी परमेश्वर ने रचा है।
सम्भव है रात में कोई व्यक्ति मर जाये, परमेश्वर बहुत शीघ्र ही लोगों को रोगी करता है और वे प्राण त्याग देते हैं।
परमेश्वर बिना किसी जतन के शक्तिशाली लोगों को उठा ले जाता है,
और कोई भी व्यक्ति उन लोगों को मदद नहीं दे सकता है।
किन्तु यदि परमेश्वर ने गरीब की सहायता न करने का निर्णय लिया तो
कोई व्यक्ति परमेश्वर को दोषी नहीं ठहरा सकता है।
यदि परमेश्वर उनसे मुख मोड़ता है तो कोई भी उस को नहीं पा सकता है।
परमेश्वर जातियों और समूची मानवता पर शासन करता है।
किन्तु अय्यूब, जब तू बदलने को मना करता है,
तो क्या परमेश्वर तुझे वैसा प्रतिफल दे,
जैसा प्रतिफल तू चाहता है? यह तेरा निर्णय है यह मेरा नहीं है।
तू ही बता कि तू क्या सोचता है?