Ephesians 5

प्यारे बच्चों के समान परमेश्वर का अनुकरण करो।
فَكُونُوا مُتَمَثِّلِينَ بِاللهِ كَأَوْلاَدٍ أَحِبَّاءَ،
प्रेम के साथ जीओ। ठीक वैसे ही जैसे मसीह ने हमसे प्रेम किया है और अपने आप को मधुर-गंध-भेंट के रूप में, हमारे लिए परमेश्वर को अर्पित कर दिया है।
وَاسْلُكُوا فِي الْمَحَبَّةِ كَمَا أَحَبَّنَا الْمَسِيحُ أَيْضًا وَأَسْلَمَ نَفْسَهُ لأَجْلِنَا، قُرْبَانًا وَذَبِيحَةً للهِ رَائِحَةً طَيِّبَةً.
तुम्हारे बीच व्यभिचार और हर किसी तरह की अपवित्रता अथवा लालच की चर्चा तक नहीं चलनी चाहिए। जैसा कि संत जनों के लिए उचित ही है।
وَأَمَّا الزِّنَا وَكُلُّ نَجَاسَةٍ أَوْ طَمَعٍ فَلاَ يُسَمَّ بَيْنَكُمْ كَمَا يَلِيقُ بِقِدِّيسِينَ،
तुममें न तो अश्लील भाषा का प्रयोग होना चाहिए, न मूर्खतापूर्ण बातें या भद्दा हँसी ठट्टा। ये तुम्हारी अनुकूल नहीं हैं। बल्कि तुम्हारे बीच धन्यवाद ही दिये जायें।
وَلاَ الْقَبَاحَةُ، وَلاَ كَلاَمُ السَّفَاهَةِ، وَالْهَزْلُ الَّتِي لاَ تَلِيقُ، بَلْ بِالْحَرِيِّ الشُّكْرُ.
क्योंकि तुम निश्चय के साथ यह जानते हो कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जो दुराचारी है, अपवित्र है अथवा लालची है, जो एक मूर्ति पूजक होने जैसा है। मसीह के और परमेश्वर के राज्य का उत्तराधिकार नहीं पा सकता।
فَإِنَّكُمْ تَعْلَمُونَ هذَا أَنَّ كُلَّ زَانٍ أَوْ نَجِسٍ أَوْ طَمَّاعٍ­ الَّذِي هُوَ عَابِدٌ لِلأَوْثَانِ­ لَيْسَ لَهُ مِيرَاثٌ فِي مَلَكُوتِ الْمَسِيحِ وَاللهِ.
देखो, तुम्हें कोरे शब्दों से कोई छल न ले। क्योंकि इन बातों के कारण ही आज्ञा का उल्लंघन करने वालों पर परमेश्वर का कोप होने को है।
لاَ يَغُرَّكُمْ أَحَدٌ بِكَلاَمٍ بَاطِل، لأَنَّهُ بِسَبَبِ هذِهِ الأُمُورِ يَأْتِي غَضَبُ اللهِ عَلَى أَبْنَاءِ الْمَعْصِيَةِ.
इसलिए उनके साथी मत बनो।
فَلاَ تَكُونُوا شُرَكَاءَهُمْ.
यह मैं इसलिए कह रहा हूँ कि एक समय था जब तुम अंधकार से भरे थे किन्तु अब तुम प्रभु के अनुयायी के रूप में ज्योति से परिपूर्ण हो। इसलिए प्रकाश पुत्रों का सा आचरण करो।
لأَنَّكُمْ كُنْتُمْ قَبْلاً ظُلْمَةً، وَأَمَّا الآنَ فَنُورٌ فِي الرَّبِّ. اسْلُكُوا كَأَوْلاَدِ نُورٍ.
हर प्रकार के धार्मिकता, नेकी और सत्य में ज्योति का प्रतिफलन दिखायी देता है।
لأَنَّ ثَمَرَ الرُّوحِ هُوَ فِي كُلِّ صَلاَحٍ وَبِرّ وَحَقّ.
हर समय यह जानने का जतन करते रहो कि परमेश्वर को क्या भाता है।
مُخْتَبِرِينَ مَا هُوَ مَرْضِيٌّ عِنْدَ الرَّبِّ.
ऐसे काम जो अधंकारपूर्ण है, उन बेकार के कामों में हिस्सा मत बटाओ बल्कि उनका भाँडा-फोड़ करो।
وَلاَ تَشْتَرِكُوا فِي أَعْمَالِ الظُّلْمَةِ غَيْرِ الْمُثْمِرَةِ بَلْ بِالْحَرِيِّ وَبِّخُوهَا.
क्योंकि ऐसे काम जिन्हें वे गुपचुप करते हैं, उनके बारे में की गयी चर्चा तक लज्जा की बात है।
لأَنَّ الأُمُورَ الْحَادِثَةَ مِنْهُمْ سِرًّا، ذِكْرُهَا أَيْضًا قَبِيحٌ.
ज्योति जब प्रकाशित होती है तो सब कुछ दृश्यमान हो जाता है
وَلكِنَّ الْكُلَّ إِذَا تَوَبَّخَ يُظْهَرُ بِالنُّورِ. لأَنَّ كُلَّ مَا أُظْهِرَ فَهُوَ نُورٌ.
और जो कुछ दृश्यमान हो जाता है, वह स्वयं ज्योति ही बन जाता है। इसीलिए हमारा भजन कहता है: “अरे जाग, हे सोने वाले! मृतकों में से जी उठ बैठ, तेरे ही सिर स्वयं मसीह प्रकाशित होगा।”
لِذلِكَ يَقُولُ: «اسْتَيْقِظْ أَيُّهَا النَّائِمُ وَقُمْ مِنَ الأَمْوَاتِ فَيُضِيءَ لَكَ الْمَسِيحُ».
इसलिए सावधानी के साथ देखते रहो कि तुम कैसा जीवन जी रहे हो। विवेकहीन का सा आचरण मत करो, बल्कि बुद्धिमान का सा आचरण करो।
فَانْظُرُوا كَيْفَ تَسْلُكُونَ بِالتَّدْقِيقِ، لاَ كَجُهَلاَءَ بَلْ كَحُكَمَاءَ،
जो हर अवसर का अच्छे कर्म करने के लिये पूरा-पूरा उपयोग करते हैं, क्योंकि ये दिन बुरे हैं
مُفْتَدِينَ الْوَقْتَ لأَنَّ الأَيَّامَ شِرِّيرَةٌ.
इसलिए मूर्ख मत बनो बल्कि यह जानो कि प्रभु की इच्छा क्या है।
مِنْ أَجْلِ ذلِكَ لاَ تَكُونُوا أَغْبِيَاءَ بَلْ فَاهِمِينَ مَا هِيَ مَشِيئَةُ الرَّبِّ.
मदिरा पान करके मतवाले मत बने रहो क्योंकि इससे कामुकता पैदा होती है। इसके विपरीत आत्मा से परिपूर्ण हो जाओ।
وَلاَ تَسْكَرُوا بِالْخَمْرِ الَّذِي فِيهِ الْخَلاَعَةُ، بَلِ امْتَلِئُوا بِالرُّوحِ،
आपस में भजनों, स्तुतियों और आध्यात्मिक गीतों का, परस्पर आदानप्रदान करते रहो। अपने मन में प्रभु के लिए गीत गाते उसकी स्तुति करते रहो।
مُكَلِّمِينَ بَعْضُكُمْ بَعْضًا بِمَزَامِيرَ وَتَسَابِيحَ وَأَغَانِيَّ رُوحِيَّةٍ، مُتَرَنِّمِينَ وَمُرَتِّلِينَ فِي قُلُوبِكُمْ لِلرَّبِّ.
हर किसी बात के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम पर हमारे परमपिता परमेश्वर का सदा धन्यवाद करो।
شَاكِرِينَ كُلَّ حِينٍ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ فِي اسْمِ رَبِّنَا يَسُوعَ الْمَسِيحِ، ِللهِ وَالآبِ.
मसीह के प्रति सम्मान के कारण एक दूसरे को समर्पित हो जाओ।
خَاضِعِينَ بَعْضُكُمْ لِبَعْضٍ فِي خَوْفِ اللهِ.
हे पत्नियो, अपने-अपने पतियों के प्रति ऐसे समर्पित रहो, जैसे तुम प्रभु को समर्पित होती हो।
أَيُّهَا النِّسَاءُ اخْضَعْنَ لِرِجَالِكُنَّ كَمَا لِلرَّبِّ،
क्योंकि अपनी पत्नी के ऊपर उसका पति ही प्रमुख है। वैसे ही जैसे हमारी कलीसिया का सिर मसीह है। वह स्वयं ही इस देह का उद्धार करता है।
لأَنَّ الرَّجُلَ هُوَ رَأْسُ الْمَرْأَةِ كَمَا أَنَّ الْمَسِيحَ أَيْضًا رَأْسُ الْكَنِيسَةِ، وَهُوَ مُخَلِّصُ الْجَسَدِ.
जैसे कलीसिया मसीह के अधीन है, वैसे ही पत्नियों को सब बातों में अपने अपने पतियों के प्रति समर्पित रहना चाहिए।
وَلكِنْ كَمَا تَخْضَعُ الْكَنِيسَةُ لِلْمَسِيحِ، كَذلِكَ النِّسَاءُ لِرِجَالِهِنَّ فِي كُلِّ شَيْءٍ.
हे पतियों, अपनी पत्नियों से प्रेम करो। वैसे ही जैसे मसीह ने कलीसिया से प्रेम किया और अपने आपको उसके लिये बलि दे दिया।
أَيُّهَا الرِّجَالُ، أَحِبُّوا نِسَاءَكُمْ كَمَا أَحَبَّ الْمَسِيحُ أَيْضًا الْكَنِيسَةَ وَأَسْلَمَ نَفْسَهُ لأَجْلِهَا،
ताकि वह उसे प्रभु की सेवा में जल में स्नान करा के पवित्र कर हमारी घोषणा के साथ परमेश्वर को अर्पित कर दे।
لِكَيْ يُقَدِّسَهَا، مُطَهِّرًا إِيَّاهَا بِغَسْلِ الْمَاءِ بِالْكَلِمَةِ،
इस प्रकार वह कलीसिया को एक ऐसी चमचमाती दुल्हन के रूप में स्वयं के लिए प्रस्तुत कर सकता है जो निष्कलंक हो, झुरियों से रहित हो या जिसमें ऐसी और कोई कमी न हो। बल्कि वह पवित्र हो और सर्वथा निर्दोष हो।
لِكَيْ يُحْضِرَهَا لِنَفْسِهِ كَنِيسَةً مَجِيدَةً، لاَ دَنَسَ فِيهَا وَلاَ غَضْنَ أَوْ شَيْءٌ مِنْ مِثْلِ ذلِكَ، بَلْ تَكُونُ مُقَدَّسَةً وَبِلاَ عَيْبٍ.
पतियों को अपनी-अपनी पत्नियों से उसी प्रकार प्रेम करना चाहिए जैसे वे स्वयं अपनी देहों से करते हैं। जो अपनी पत्नी से प्रेम करता है, वह स्वयं अपने आप से ही प्रेम करता है।
كَذلِكَ يَجِبُ عَلَى الرِّجَالِ أَنْ يُحِبُّوا نِسَاءَهُمْ كَأَجْسَادِهِمْ. مَنْ يُحِبُّ امْرَأَتَهُ يُحِبُّ نَفْسَهُ.
कोई अपनी देह से तो कभी घृणा नहीं करता, बल्कि वह उसे पालता-पोसता है और उसका ध्यान रखता है। वैसे ही जैसे मसीह अपनी कलीसिया का
فَإِنَّهُ لَمْ يُبْغِضْ أَحَدٌ جَسَدَهُ قَطُّ، بَلْ يَقُوتُهُ وَيُرَبِّيهِ، كَمَا الرَّبُّ أَيْضًا لِلْكَنِيسَةِ.
क्योंकि हम भी तो उसकी देह के अंग ही हैं।
لأَنَّنَا أَعْضَاءُ جِسْمِهِ، مِنْ لَحْمِهِ وَمِنْ عِظَامِهِ.
शास्त्र कहता है: “इसीलिए एक पुरुष अपने माता-पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से बंध जाता है और दोनों एक देह हो जाते हैं।” []
«مِنْ أَجْلِ هذَا يَتْرُكُ الرَّجُلُ أَبَاهُ وَأُمَّهُ وَيَلْتَصِقُ بِامْرَأَتِهِ، وَيَكُونُ الاثْنَانِ جَسَدًا وَاحِدًا».
यह रहस्यपूर्ण सत्य बहुत महत्वपूर्ण है और मैं तुम्हें बताता हूँ कि यह मसीह और कलीसिया पर भी लागू होता है।
هذَا السِّرُّ عَظِيمٌ، وَلكِنَّنِي أَنَا أَقُولُ مِنْ نَحْوِ الْمَسِيحِ وَالْكَنِيسَةِ.
सो कुछ भी हो, तुममें से हर एक को अपनी पत्नी से वैसे ही प्रेम करना चाहिए जैसे तुम स्वयं अपने आपको करते हो। और एक पत्नी को भी अपने पति का डर मानते हुए उसका आदर करना चाहिए।
وَأَمَّا أَنْتُمُ الأَفْرَادُ، فَلْيُحِبَّ كُلُّ وَاحِدٍ امْرَأَتَهُ هكَذَا كَنَفْسِهِ، وَأَمَّا الْمَرْأَةُ فَلْتَهَبْ رَجُلَهَا.