ताकि हम ऐसे बच्चे ही न बने रहें जो हर किसी ऐसी नयी शिक्षा की हवा से उछले जायें, जो हमारे रास्ते में बहती है, लोगों के छलपूर्ण व्यवहार से, ऐसी धूर्तता से, जो ठगी से भरी योजनाओं को प्रेरित करती है, इधर-उधर भटका दिये जाते हैं।
كَيْ لاَ نَكُونَ فِي مَا بَعْدُ أَطْفَالاً مُضْطَرِبِينَ وَمَحْمُولِينَ بِكُلِّ رِيحِ تَعْلِيمٍ، بِحِيلَةِ النَّاسِ، بِمَكْرٍ إِلَى مَكِيدَةِ الضَّلاَلِ.