वहाँ सभी लोग मेरा मान किया करते थे।
युवा पुरुष जब मुझे देखते थे तो मेरी राह से हट जाया करते थे।
और वृद्ध पुरुष मेरे प्रति सम्मान दर्शाने के लिये उठ खड़े होते थे।
تو جوان آدمی مجھے دیکھ کر پیچھے ہٹ کر چھپ جاتے، بزرگ اُٹھ کر کھڑے رہتے،
यहाँ तक की अत्यन्त महत्वपूर्ण नेता भी अपना स्वर नीचा कर लेते थे,
जब मैं उनके निकट जाया करता था।
हाँ! ऐसा लगा करता था कि
उनकी जिहवायें उनके तालू से चिपकी हों।
شرفا کی آواز دب جاتی اور اُن کی زبان تالو سے چپک جاتی تھی۔
क्यों? क्योंकि जब किसी दीन ने सहायता के लिये पुकारा, मैंने सहायता की।
उस बच्चे को मैंने सहारा दिया जिसके माँ बाप नहीं और जिसका कोई भी नहीं ध्यान रखने को।
کیونکہ جو مصیبت میں آ کر آواز دیتا اُسے مَیں بچاتا، بےسہارا یتیم کو چھٹکارا دیتا تھا۔
मेरे बोल चुकने के बाद, उन लोगों के पास जो मेरी बात सुनते थे, कुछ भी बोलने को नहीं होता था।
मेरे शब्द धीरे—धीरे उनके कानों में वर्षा की तरह पड़ा करते थे।
میرے بات کرنے پر وہ جواب میں کچھ نہ کہتے بلکہ میرے الفاظ ہلکی سی بوندا باندی کی طرح اُن پر ٹپکتے رہتے۔
मैंने उत्तरदायित्व लिया और लोगों के लिये निर्णय किये, मैं नेता बन गया।
मैंने उनकी सेना के दलों के बीच राजा जैसा जीवन जिया।
मैं ऐसा व्यक्ति था जो उन लोगों को चैन देता था जो बहुत ही दु:खी है।
مَیں اُن کی راہ اُن کے لئے چن کر اُن کی قیادت کرتا، اُن کے درمیان یوں بستا تھا جس طرح بادشاہ اپنے دستوں کے درمیان۔ مَیں اُس کی مانند تھا جو ماتم کرنے والوں کو تسلی دیتا ہے۔