जिसका कोई घर नहीं होता, ऐसे अकेले जन को परमेश्वर घर देता है।
निज भक्तों को परमेश्वर बंधन मुक्त करता है। वे अति प्रसन्न रहते हैं।
किन्तु जो परमेश्वर के विरूद्ध होते, उनको तपती हुयी धरती पर रहना होगा।
اَللهُ مُسْكِنُ الْمُتَوَحِّدِينَ فِي بَيْتٍ. مُخْرِجُ الأَسْرَى إِلَى فَلاَحٍ. إِنَّمَا الْمُتَمَرِّدُونَ يَسْكُنُونَ الرَّمْضَاءَ.