Job 5

voca ergo si est qui tibi respondeat et ad aliquem sanctorum convertere
“अय्यूब, यदि तू चाहे तो पुकार कर देख ले किन्तु तुझे कोई भी उत्तर नहीं देगा। तू किसी भी स्वर्गदूत की ओर मुड़ नहीं सकता है।
vere stultum interficit iracundia et parvulum occidit invidia
मूर्ख का क्रोध उसी को नष्ट कर देगा। मूर्ख की तीव्र भावनायें उसी को नष्ट कर डालेंगी।
ego vidi stultum firma radice et maledixi pulchritudini eius statim
मैंने एक मूर्ख को देखा जो सोचता था कि वह सुरक्षित है। किन्तु वह एकाएक मर गया।
longe fient filii eius a salute et conterentur in porta et non erit qui eruat
ऐसे मूर्ख व्यक्ति की सन्तानों की कोई भी सहायता न कर सका। न्यायालय में उनको बचाने वाला कोई न था।
cuius messem famelicus comedet et ipsum rapiet armatus et ebibent sitientes divitias eius
उसकी फसल को भूखे लोग खा गये, यहाँ तक कि वे भूखे लोग काँटों की झाड़ियों के बीच उगे अन्न कण को भी उठा ले गये। जो कुछ भी उसके पास था उसे लालची लोग उठा ले गये।
nihil in terra sine causa fit et de humo non orietur dolor
बुरा समय मिट्टी से नहीं निकलता है, न ही विपदा मैदानों में उगती है।
homo ad laborem nascitur et avis ad volatum
मनुष्य का जन्म दु:ख भोगने के लिये हुआ है। यह उतना ही सत्य है जितना सत्य है कि आग से चिंगारी ऊपर उठती है।
quam ob rem ego deprecabor Dominum et ad Deum ponam eloquium meum
किन्तु अय्यूब, यदि तुम्हारी जगह मैं होता तो मैं परमेश्वर के पास जाकर अपना दुखड़ा कह डालता।
qui facit magna et inscrutabilia et mirabilia absque numero
लोग उन अद्भुत भरी बातों को जिन्हें परमेश्वर करता है, नहीं समझते हैं। ऐसे उन अद्भुत कर्मो का जिसे परमेश्वर करता है, कोई अन्त नहीं है।
qui dat pluviam super faciem terrae et inrigat aquis universa
परमेश्वर धरती पर वर्षा को भेजता है, और वही खेतों में पानी पहुँचाया करता है।
qui ponit humiles in sublimi et maerentes erigit sospitate
परमेश्वर विनम्र लोगों को ऊपर उठाता है, और दु:खी जन को अति प्रसन्न बनाता है।
qui dissipat cogitationes malignorum ne possint implere manus eorum quod coeperant
परमेश्वर चालाक व दुष्ट लोगों के कुचक्र को रोक देता है। इसलिये उनको सफलता नहीं मिला करती।
qui adprehendit sapientes in astutia eorum et consilium pravorum dissipat
परमेश्वर चतुर को उसी की चतुराई भरी योजना में पकड़ता है। इसलिए उनके चतुराई भरी योजनाएं सफल नहीं होती।
per diem incurrent tenebras et quasi in nocte sic palpabunt in meridie
वे चालाक लोग दिन के प्रकाश में भी ठोकरें खाते फिरते हैं। यहाँ तक कि दोपहर में भी वे रास्ते का अनुभव रात के जैसे करते हैं।
porro salvum faciet a gladio oris eorum et de manu violenti pauperem
परमेश्वर दीन व्यक्ति को मृत्यु से बचाता है और उन्हें शक्तिशाली चतुर लोगों की शक्ति से बचाता है।
et erit egeno spes iniquitas autem contrahet os suum
इसलिए दीन व्यक्ति को भरोसा है। परमेश्वर बुरे लोगों को नष्ट करेगा जो खरे नहीं हैं।
beatus homo qui corripitur a Domino increpationem ergo Domini ne reprobes
“वह मनुष्य भाग्यवान है, जिसका परमेश्वर सुधार करता है इसलिए जब सर्वशक्तिशाली परमेश्वर तुम्हें दण्ड दे रहा तो तुम अपना दु:खड़ा मत रोओ।
quia ipse vulnerat et medetur percutit et manus eius sanabunt
परमेश्वर उन घावों पर पट्टी बान्धता है जिन्हें उसने दिया है। वह चोट पहुँचाता है किन्तु उसके ही हाथ चंगा भी करते हैं।
in sex tribulationibus liberabit te et in septima non tanget te malum
वह तुझे छ: विपत्तियों से बचायेगा। हाँ! सातों विपत्तियों में तुझे कोई हानि न होगी।
in fame eruet te de morte et in bello de manu gladii
अकाल के समय परमेश्वर तुझे मृत्यु से बचायेगा और परमेश्वर युद्ध में तेरी मृत्यु से रक्षा करेगा।
a flagello linguae absconderis et non timebis calamitatem cum venerit
जब लोग अपने कठोर शब्दों से तेरे लिये बुरी बात बोलेंगे, तब परमेश्वर तेरी रक्षा करेगा। विनाश के समय तुझे डरने की आवश्यकता नहीं होगी।
in vastitate et fame ridebis et bestiam terrae non formidabis
विनाश और भुखमरी पर तू हँसेगा और तू जंगली जानवरों से कभी भयभीत न होगा।
sed cum lapidibus regionum pactum tuum et bestiae terrae pacificae erunt tibi
तेरी वाचा परमेश्वर के साथ है यहाँ तक कि मैदानों की चट्टाने भी तेरा वाचा में भाग लेती है। जंगली पशु भी तेरे साथ शान्ति रखते हैं।
et scies quod pacem habeat tabernaculum tuum et visitans speciem tuam non peccabis
तू शान्ति से रहेगा क्योंकि तेरा तम्बू सुरक्षित है। तू अपनी सम्पत्ति को सम्भालेगा और उसमें से कुछ भी खोया हुआ नहीं पायेगा।
scies quoque quoniam multiplex erit semen tuum et progenies tua quasi herba terrae
तेरी बहुत सन्तानें होंगी और वे इतनी होंगी जितनी घास की पत्तियाँ पृथ्वी पर हैं।
ingredieris in abundantia sepulchrum sicut infertur acervus in tempore suo
तू उस पके गेहूँ जैसा होगा जो कटनी के समय तक पकता रहता है। हाँ, तू पूरी वृद्ध आयु तक जीवित रहेगा।
ecce hoc ut investigavimus ita est quod auditum mente pertracta
“अय्यूब, हमने ये बातें पढ़ी हैं और हम जानते हैं कि ये सच्ची है। अत: अय्यूब सुन और तू इन्हें स्वयं अपने आप जान।”