Proverbs 7

میرے بیٹے، میرے الفاظ کی پیروی کر، میرے احکام اپنے اندر محفوظ رکھ۔
हे मेरे पुत्र, मेरे वचनों को पाल और अपने मन में मेरे आदेश संचित कर।
میرے احکام کے تابع رہ تو جیتا رہے گا۔ اپنی آنکھ کی پُتلی کی طرح میری ہدایت کی حفاظت کر۔
मेरे आदेशों का पालन करता रहा तो तू जीवन पायेगा। तू मेरे उपदेशों को अपनी आँखों की पुतली सरीखा सम्भाल कर रख।
اُنہیں اپنی اُنگلی کے ساتھ باندھ، اپنے دل کی تختی پر کندہ کر۔
उनको अपनी उंगलियों पर बाँध ले, तू अपने हृदय पटल पर उनको लिख ले।
حکمت سے کہہ، ”تُو میری بہن ہے،“ اور سمجھ سے، ”تُو میری قریبی رشتے دار ہے۔“
बुद्ध से कह, “तू मेरी बहन है” और तू समझ बूझ को अपनी कुटुम्बी जन कह।
یہی تجھے زناکار عورت سے محفوظ رکھیں گی، دوسرے کی اُس بیوی سے جو اپنی چِکنی چپڑی باتوں سے تجھے پُھسلانے کی کوشش کرتی ہے۔
वे ही तुझको उस कुलटा से और स्वेच्छाचारिणी पत्नी के लुभावनें वचनों से बचायेंगे।
ایک دن مَیں نے اپنے گھر کی کھڑکی میں سے باہر جھانکا
एक दिन मैंने अपने घर की खिड़की के झरोखे से झाँका,
تو کیا دیکھتا ہوں کہ وہاں کچھ سادہ لوح نوجوان کھڑے ہیں۔ اُن میں سے ایک بےعقل جوان نظر آیا۔
सरल युवकों के बीच एक ऐसा नवयुवक देखा जिसको भले—बुरे की पहचान नहीं थी।
وہ گلی میں سے گزر کر زناکار عورت کے کونے کی طرف ٹہلنے لگا۔ چلتے چلتے وہ اُس راستے پر آ گیا جو عورت کے گھر تک لے جاتا ہے۔
वह उसी गली से होकर, उसी कुलटा के नुक्कड़ के पास से जा रहा था। वह उसके ही घर की तरफ बढ़ता जा रहा था।
شام کا دُھندلکا تھا، دن ڈھلنے اور رات کا اندھیرا چھانے لگا تھا۔
सूरज शाम के धुंधलके में डूबता था, रात के अन्धेरे की तहें जमती जाती थी।
تب ایک عورت کسبی کا لباس پہنے ہوئے چالاکی سے اُس سے ملنے آئی۔
तभी कोई कामिनी उससे मिलने के लिये निकल कर बाहर आई। वह वेश्या के वेश में सजी हुई थी। उसकी इच्छाओं में कपट छुपा था।
یہ عورت اِتنی بےلگام اور خودسر ہے کہ اُس کے پاؤں اُس کے گھر میں نہیں ٹکتے۔
वह वाचाल और निरंकुश थी। उसके पैर कभी घर में नहीं टिकते थे।
کبھی وہ گلی میں، کبھی چوکوں میں ہوتی ہے، ہر کونے پر وہ تاک میں بیٹھی رہتی ہے۔
वह कभी — कभी गलियों में, कभी चौराहों पर, और हर किसी नुक्कड़ पर घात लगाती थी।
اب اُس نے نوجوان کو پکڑ کر اُسے بوسہ دیا۔ بےحیا نظر اُس پر ڈال کر اُس نے کہا،
उसने उसे रोक लिया और उसे पकड़ा। उसने उसे निर्लज्ज मुख से चूम लिया, फिर उससे बोली,
”مجھے سلامتی کی قربانیاں پیش کرنی تھیں، اور آج ہی مَیں نے اپنی مَنتیں پوری کیں۔
“आज मुझे मौत्री भेंट अर्पित करनी थी। मैंने अपनी मन्नत पूरी कर ली है। मैंने जो प्रतिज्ञा की थी, दे दिया है। उसका कुछ भाग मैं घर ले जा रही हूँ। अब मेरे पास बहुतेरे खाने के लिये है!
اِس لئے مَیں نکل کر تجھ سے ملنے آئی، مَیں نے تیرا پتا کیا اور اب تُو مجھے مل گیا ہے۔
इसलिये मैं तुझसे मिलने बाहर आई। मैं तुझे खोजती रही और तुझको पा लिया।
مَیں نے اپنے بستر پر مصر کے رنگین کمبل بچھائے،
मैंने मिस्र के मलमल की रंगों भरी चादर से सेज सजाई है।
اُس پر مُر، عود اور دارچینی کی خوشبو چھڑکی ہے۔
मैंने अपनी सेज को गंधरस, दालचीनी और अगर गंध से सुगन्धित किया है।
آؤ، ہم صبح تک محبت کا پیالہ تہہ تک پی لیں، ہم عشق بازی سے لطف اندوز ہوں!
तू मेरे पास आ जा। भोर की किरण चूर हुए, प्रेम की दाखमधु पीते रहें। आ, हम परस्पर प्रेम से भोग करें।
کیونکہ میرا خاوند گھر میں نہیں ہے، وہ لمبے سفر کے لئے روانہ ہوا ہے۔
मेरे पति घर पर नहीं है। वह दूर यात्रा पर गया है।
وہ بٹوے میں پیسے ڈال کر چلا گیا ہے اور پورے چاند تک واپس نہیں آئے گا۔“
वह अपनी थैली धन से भर कर ले गया है और पूर्णमासी तक घर पर नहीं होगा।”
ایسی باتیں کرتے کرتے عورت نے نوجوان کو ترغیب دے کر اپنی چِکنی چپڑی باتوں سے ورغلایا۔
उसने उसे लुभावने शब्दों से मोह लिया। उसको मीठी मधुर वाणी से फुसला लिया।
نوجوان سیدھا اُس کے پیچھے یوں ہو لیا جس طرح بَیل ذبح ہونے کے لئے جاتا یا ہرن اُچھل کر پھندے میں پھنس جاتا ہے۔
वह तुरन्त उसके पीछे ऐसे हो लिया जैसे कोई बैल वध के लिये खिंचा चला जाये। जैसे कोई निरा मूर्ख जाल में पैर धरे।
کیونکہ ایک وقت آئے گا کہ تیر اُس کا دل چیر ڈالے گا۔ لیکن فی الحال اُس کی حالت اُس چڑیا کی مانند ہے جو اُڑ کر جال میں آ جاتی اور خیال تک نہیں کرتی کہ میری جان خطرے میں ہے۔
जब तक एक तीर उसका हृदय नहीं बेधेगा तब तक वह उस पक्षी सा जाल पर बिना यह जाने टूट पड़ेगा कि जाल उसके प्राण हर लेगा।
چنانچہ میرے بیٹو، میری سنو، میرے منہ کی باتوں پر دھیان دو!
सो मेरे पुत्रों, अब मेरी बात सुनो और जो कुछ मैं कहता हूँ उस पर ध्यान धरो।
تیرا دل بھٹک کر اُس طرف رُخ نہ کرے جہاں زناکار عورت پھرتی ہے، ایسا نہ ہو کہ تُو آوارہ ہو کر اُس کی راہوں میں اُلجھ جائے۔
अपना मन कुलटा की राहों में मत खिंचने दो अथवा उसे उसके मार्गो पर मत भटकने दो।
کیونکہ اُن کی تعداد بڑی ہے جنہیں اُس نے گرا کر موت کے گھاٹ اُتارا ہے، اُس نے متعدد لوگوں کو مار ڈالا ہے۔
कितने ही शिकार उसने मार गिरायें हैं। उसने जिनको मारा उनका जमघट बहुत बड़ा है।
اُس کا گھر پاتال کا راستہ ہے جو لوگوں کو موت کی کوٹھڑیوں تک پہنچاتا ہے۔
उस का घर वह राजमार्ग है जो कब्र को जाता है और नीचे मृत्यु की काल—कोठरी में उतरता है!