نفرین، اگر مستحق آن نباشی، صدمهای به تو نمیرساند؛ بلکه مانند پرندهای است که به هر طرف پرواز میکند و در جایی نمینشیند.
यदि तूने किसी का कुछ भी बिगाड़ा नहीं और तुझको वह शाप दे, तो वह शाप व्यर्थ ही रहेगा। उसका शाप पूर्ण वचन तेरे ऊपर से यूँ उड़ निकल जायेगा जैसे चंचल चिड़िया जो टिककर नहीं बैठती।