परमेश्वर अपनी सेना मुझ पर प्रहार करने को भेजता है।
वे मेरे चारों और बुर्जियाँ बनाते हैं।
मेरे तम्बू के चारों ओर वे आक्रमण करने के लिये छावनी बनाते हैं।
मेरी यह कामना है काश! मैं जिन बातों को कहता उन्हें किसी लोहे की टाँकी से सीसे पर लिखा जाता,
अथवा उनको चट्टान पर खोद दिया जाता, ताकि वे सदा के लिये अमर हो जाती।
अपने लिये मैं परमेश्वर को स्वयं देखना चाहता हूँ।
मैं चाहता हूँ कि स्वयं उसको अपनी आँखों से देखूँ न कि किसी दूसरे की आँखों से।
मेरा मन मुझ में ही उतावला हो रहा है।
किन्तु तुम्हें स्वयं तलवार से डरना चाहिये क्योंकि पापी के विरुद्ध परमेश्वर का क्रोध दण्ड लायेगा।
तुम्हें दण्ड देने को परमेश्वर तलवार काम में लायेगा
तभी तुम समझोगे कि वहाँ न्याय का एक समय है।”