E ora servo di zimbello a dei più giovani di me, i cui padri non mi sarei degnato di mettere fra i cani del mio gregge!
“अब, आयु में छोटे लोग मेरा माजक बनाते हैं।
उन युवा पुरुषों के पित बिलकुल ही निकम्मे थे।
जिनको मैं उन कुत्तों तक की सहायता नहीं करने देता था जो भेंड़ों के रखवाले हैं।
Non han più ritegno, m’umiliano, rompono ogni freno in mia presenza.
परमेश्वर ने मेरे धनुष से उसकी डोर छीन ली है और मुझे दुर्बल किया है।
वे युवक अपने आप नहीं रुकते हैं बल्कि क्रोधित होते हुये मुझ पर मेरे विरोध में हो जाते हैं।
Questa genia si leva alla mia destra, m’incalzano, e si appianano le vie contro di me per distruggermi.
वे युवक मेरी दाहिनी ओर मुझ पर प्रहार करते हैं।
वे मुझे मिट्टी में गिराते हैं वे ढलुआ चबूतरे बनाते हैं,
मेरे विरोध में मुझ पर प्रहार करके मुझे नष्ट करने को।
Hanno sovvertito il mio cammino, lavorano alla mia ruina, essi che nessuno vorrebbe soccorrere!
वे युवक मेरी राह पर निगरानी रखते हैं कि मैं बच निकल कर भागने न पाऊँ।
वे मुझे नष्ट करने में सफल हो जाते हैं।
उनके विरोध में मेरी सहायता करने को मेरे साथ कोई नहीं है।
Terrori mi si rovesciano addosso; l’onor mio è portato via come dal vento, è passata come una nube la mia felicità.
मुझको भय जकड़ लेता है।
जैसे हवा वस्तुओं को उड़ा ले जाती है, वैसी ही वे युवक मेरा आदर उड़ा देते हैं।
जैसे मेघ अदृश्य हो जाता है, वैसे ही मेरी सुरक्षा अदृश्य हो जाती है।
Io grido a te, e tu non mi rispondi; ti sto dinanzi, e tu mi stai a considerare!
“हे परमेश्वर, मैं सहारा पाने को तुझको पुकारता हूँ,
किन्तु तू उत्तर नहीं देता है।
मैं खड़ा होता हूँ और प्रार्थना करता हूँ,
किन्तु तू मुझ पर ध्यान नहीं देता।