“अब, आयु में छोटे लोग मेरा माजक बनाते हैं।
उन युवा पुरुषों के पित बिलकुल ही निकम्मे थे।
जिनको मैं उन कुत्तों तक की सहायता नहीं करने देता था जो भेंड़ों के रखवाले हैं।
Αλλα τωρα οι νεωτεροι μου την ηλικιαν με περιγελωσι, των οποιων τους πατερας δεν ηθελον καταδεχθη να βαλω μετα των κυνων του ποιμνιου μου.
परमेश्वर ने मेरे धनुष से उसकी डोर छीन ली है और मुझे दुर्बल किया है।
वे युवक अपने आप नहीं रुकते हैं बल्कि क्रोधित होते हुये मुझ पर मेरे विरोध में हो जाते हैं।
Επειδη ο Θεος διελυσε την υπεροχην μου και με εθλιψεν, απερριψαν και αυτοι τον χαλινον εμπροσθεν μου.
वे युवक मेरी दाहिनी ओर मुझ पर प्रहार करते हैं।
वे मुझे मिट्टी में गिराते हैं वे ढलुआ चबूतरे बनाते हैं,
मेरे विरोध में मुझ पर प्रहार करके मुझे नष्ट करने को।
Εκ δεξιων ανιστανται οι νεοι απωθουσι τους ποδας μου, και ετοιμαζουσι κατ εμου τας ολεθριους οδους αυτων.
वे युवक मेरी राह पर निगरानी रखते हैं कि मैं बच निकल कर भागने न पाऊँ।
वे मुझे नष्ट करने में सफल हो जाते हैं।
उनके विरोध में मेरी सहायता करने को मेरे साथ कोई नहीं है।
Ανατρεπουσι την οδον μου, επαυξανουσι την συμφοραν μου, χωρις να εχωσι βοηθον.
मुझको भय जकड़ लेता है।
जैसे हवा वस्तुओं को उड़ा ले जाती है, वैसी ही वे युवक मेरा आदर उड़ा देते हैं।
जैसे मेघ अदृश्य हो जाता है, वैसे ही मेरी सुरक्षा अदृश्य हो जाती है।
Τρομοι εστραφησαν επ εμε καταδιωκουσι την ψυχην μου ως ανεμος και η σωτηρια μου παρερχεται ως νεφος.
“हे परमेश्वर, मैं सहारा पाने को तुझको पुकारता हूँ,
किन्तु तू उत्तर नहीं देता है।
मैं खड़ा होता हूँ और प्रार्थना करता हूँ,
किन्तु तू मुझ पर ध्यान नहीं देता।
Κραζω προς σε, και δεν μοι αποκρινεσαι ισταμαι, και με παραβλεπεις.