Proverbs 19

melior est pauper qui ambulat in simplicitate sua quam torquens labia insipiens
वह गरीब श्रेष्ठ है, जो निष्कलंक रहता; न कि वह मूर्ख जिसकी कुटिलतापूर्ण वाणी है।
ubi non est scientia animae non est bonum et qui festinus est pedibus offendit
ज्ञान रहित उत्साह रखना अच्छा नहीं है इससे उतावली में गलती हो जाती है।
stultitia hominis subplantat gressus eius et contra Deum fervet animo suo
मनुष्य अपनी ही मूर्खता से अपनी जीवन बिगाड़ लेता है, किन्तु वह यहोवा को दोषी ठहराता है।
divitiae addunt amicos plurimos a paupere autem et hii quos habuit separantur
धन से बहुत सारे मित्र बन जाते हैं, किन्तु गरीब जन को उसका मित्र भी छोड़ जाता है।
testis falsus non erit inpunitus et qui mendacia loquitur non effugiet
झूठा गवाह बिना दण्ड पाये नहीं बचेगा और जो झूठ उगलता रहता है, छूटने नहीं पायेगा।
multi colunt personam potentis et amici sunt dona tribuenti
उसके बहुत से मित्र बन जाना चाहते हैं, जो उपहार देता रहता है।
fratres hominis pauperis oderunt eum insuper et amici procul recesserunt ab eo qui tantum verba sectatur nihil habebit
निर्धन के सभी सम्बंधी उससे कतराते हैं। उसके मित्र उससे कितना बचते फिरते हैं, यद्यपि वह उन्हें अनुनय—विनय से मनाता रहता है किन्तु वे उसे कहीं मिलते ही नहीं हैं।
qui autem possessor est mentis diligit animam suam et custos prudentiae inveniet bona
जो ज्ञान पाता है वह अपने ही प्राण से प्रीति रखता, वह जो समझ बूझ बढ़ाता रहता है फलता और फूलता है।
testis falsus non erit inpunitus et qui loquitur mendacia peribit
झूठा गवाह दण्ड पाये बिना नहीं बचेगा, और वह, जो झूठ उगलता रहता है ध्वस्त हो जायेगा।
non decent stultum deliciae nec servum dominari principibus
मूर्ख धनी नहीं बनना चाहिये। वह ऐसे होगा जैसे कोई दास युवराजाओं पर राज करें।
doctrina viri per patientiam noscitur et gloria eius est iniqua praetergredi
अगर मनुष्य बुद्धिमान हो उसकी बुद्धि उसे धीरज देती है। जब वह उन लोगों को क्षमा करता है जो उसके विरूद्ध हो, तो अच्छा लगता है।
sicut fremitus leonis ita et regis ira et sicut ros super herbam ita hilaritas eius
राजा का क्रोध सिंह की दहाड़ सा है, किन्तु उसकी कृपा घास पर की ओस की बूंद सी होती।
dolor patris filius stultus et tecta iugiter perstillantia litigiosa mulier
मूर्ख पुत्र विनाश का बाढ़ होता है; अपने पिता के लिए और पत्नी के नित्य झगड़े हर दम का टपका है।
domus et divitiae dantur a patribus a Domino autem proprie uxor prudens
भवन और धन दौलत माँ बाप से दान में मिल जाते; किन्तु बुद्धिमान पत्नी यहोवा से मिलती है।
pigredo inmittit soporem et anima dissoluta esuriet
आलस्य गहन घोर निद्रा देता है किन्तु वह आलसी भूखा मरता है।
qui custodit mandatum custodit animam suam qui autem neglegit vias suas mortificabitur
ऐसा मनुष्य जो निर्देशों पर चलता वह अपने जीवन की रखवाली करता है। किन्तु जो सदुपदेशों उपेक्षा करता है वह मृत्यु अपनाता है।
feneratur Domino qui miseretur pauperis et vicissitudinem suam reddet ei
गरीब पर कृपा दिखाना यहोवा को उधार देना है, यहोवा उसे, उसके इस कर्म का प्रतिफल देगा।
erudi filium tuum ne desperes ad interfectionem autem eius ne ponas animam tuam
तू अपने पुत्र को अनुशासित कर और उसे दण्ड दे, जब वह अनुचित हो। बस यही आशा है। यदि तू ऐसा करने को मना करे, तब तो तू उसके विनाश में उसका सहायक बनता है।
qui inpatiens est sustinebit damnum et cum rapuerit aliud adponet
यदि किसी मनुष्य को तुरंत क्रोध आयेगा, उसको इसका मूल्य चुकाना होगा। यदि तू उसकी रक्षा करता है, तो कितना ही बार तुझे उसको बचाना होगा।
audi consilium et suscipe disciplinam ut sis sapiens in novissimis tuis
सुमति पर ध्यान दे और सुधार को अपना ले तू जिससे अंत में तू बूद्धिमान बन जाये।
multae cogitationes in corde viri voluntas autem Domini permanebit
मनुष्य अपने मन में क्या—क्या! करने की सोचता है किन्तु यहोवा का उद्देश्य पूरा होता है।
homo indigens misericors est et melior pauper quam vir mendax
लोग चाहते हैं व्यक्ति विश्वास योग्य और सच्चा हो, इसलिए गरीबी में विश्वासयोग्य बनकर रहना अच्छा है। ऐसा व्यक्ति बनने से जिस पर कोई विश्वास न करे।
timor Domini ad vitam et in plenitudine commorabitur absque visitatione pessimi
यहोवा का भय सच्चे जीवन की राह दिखाता, इससे व्यक्ति शांति पाता है और कष्ट से बचता है।
abscondit piger manum suam sub ascella nec ad os suum adplicat eam
आलसी का हाथ चाहे थाली में रखा हो किन्तु वह उसको मुँह तक नहीं ला सकता।
pestilente flagellato stultus sapientior erit sin autem corripueris sapientem intelleget disciplinam
उच्छृंखल को पीट, जिससे सरल जन बुद्धि पाये बुद्धिमान को डाँट, वह और ज्ञान पायेगा।
qui adfligit patrem et fugat matrem ignominiosus est et infelix
ऐसा पुत्र जो निन्दनीय कर्म करता है घर का अपमान होता है, वह ऐसा होता है जैसे पुत्र कोई निज पिता से छीने और घर से असहाय माँ को निकाल बाहर करे।
non cesses fili audire doctrinam nec ignores sermones scientiae
मेरे पुत्र यदि तू अनुशासन पर ध्यान देना छोड़ देगा, तो तू ज्ञान के वचनों से भटक जायेगा।
testis iniquus deridet iudicium et os impiorum devorat iniquitatem
भ्रष्ट गवाह न्याय की हँसी उड़ाता है, और दुष्ट का मुख पाप को निगल जाता।
parata sunt derisoribus iudicia et mallei percutientes stultorum corporibus
उच्छृंखल दण्ड पायेगा, और मूर्ख जन की पीठ कोड़े खायेगी।