फ्रूगिया और पम्फूलिया, मिसर और साइरीन नगर के निकट लीबिया के कुछ प्रदेशों के लोग, रोम से आये यात्री जिनमें जन्मजात यहूदी और यहूदी धर्म ग्रहण करने वाले लोग, क्रेती तथा अरब के रहने वाले
फिर उन ग्यारहों के साथ पतरस खड़ा हुआ और ऊँचे स्वर में लोगों को सम्बोधित करने लगा, “यहूदी साथियो और यरूशलेम के सभी निवासियो! इसका अर्थ मुझे बताने दो। मेरे शब्दों को ध्यान से सुनो।
‘परमेश्वर कहता है:
अंतिम दिनों में ऐसा होगा कि मैं सभी मनुष्यों पर अपनी आत्मा उँड़ेल दूँगा
फिर तुम्हारे पुत्र और पुत्रियाँ भविष्यवाणी करने लगेंगे।
तथा तुम्हारे युवा लोग दर्शन पायेंगे
और तुम्हारे बूढ़े लोग स्वप्न देखेंगे।
“हे इस्राएल के लोगों, इन वचनों को सुनो: नासरी यीशु एक ऐसा पुरुष था जिसे परमेश्वर ने तुम्हारे सामने अद्भुत कर्मों, आश्चर्यों और चिन्हों समेत जिन्हें परमेश्वर ने उसके द्वारा किया था तुम्हारे बीच प्रकट किया। जैसा कि तुम स्वयं जानते ही हो।
इस पुरूष को परमेश्वर की निश्चित योजना और निश्चित पूर्व ज्ञान के अनुसार तुम्हारे हवाले कर दिया गया, और तुमने नीच मनुष्यों की सहायता से उसे क्रूस पर चढ़ाया और कीलें ठुकवा कर मार डाला।
“हे मेरे भाईयों। मैं विश्वास के साथ आदि पुरूष दाऊद के बारे में तुमसे कह सकता हूँ कि उसकी मृत्यु हो गयी और उसे दफ़ना दिया गया। और उसकी कब्र हमारे यहाँ आज तक मौजूद है।
इसलिये आगे जो घटने वाला है, उसे देखते हुए उसने जब यह कहा था:
‘उसे अधोलोक में नहीं छोड़ा गया
और न ही उसकी देह ने सड़ने गलने का अनुभव किया।’
तो उसने मसीह की फिर से जी उठने के बारे में ही कहा था।
परमेश्वर के दाहिने हाथ सब से ऊँचा पद पाकर यीशु ने परम पिता से प्रतिज्ञा के अनुसार पवित्र आत्मा प्राप्त की और फिर उसने इस आत्मा को उँड़ेल दिया जिसे अब तुम देख रहे हो और सुन रहे हो।
पतरस ने उनसे कहा, “मन फिराओ और अपने पापों की क्षमा पाने के लिये तुममें से हर एक को यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा लेना चाहिये। फिर तुम पवित्र आत्मा का उपहार पा जाओगे।
क्योंकि यह प्रतिज्ञा तुम्हारे लिये, तुम्हारी संतानों के लिए और उन सबके लिये है जो बहुत दूर स्थित हैं। यह प्रतिज्ञा उन सबके लिए है जिन्हें हमारा प्रभु परमेश्वर को अपने पास बुलाता है।”