Job 7

Хіба чоловік на землі не на службі військовій? І його дні як дні наймита!...
अय्यूब ने कहा, “मनुष्य को धरती पर कठिन संघर्ष करना पड़ता है। उसका जीवन भाड़े के श्रमिक के जीवन जैसा होता है।
Як раб, спрагнений тіні, і як наймит чекає заплати за працю свою,
मनुष्य उस भाड़े के श्रमिक जैसा है जो तपते हुए दिन में मेहनत करने के बाद शीतल छाया चाहता है और मजदूरी मिलने के दिन की बाट जोहता रहता है।
так місяці марности дано в спадок мені, та ночі терпіння мені відлічили...
महीने दर महीने बेचैनी के गुजर गये हैं और पीड़ा भरी रात दर रात मुझे दे दी गई है।
Коли я кладусь, то кажу: Коли встану? І тягнеться вечір, і перевертання із боку на бік їм до ранку...
जब मैं लेटता हूँ, मैं सोचा करता हूँ कि अभी और कितनी देर है मेरे उठने का? यह रात घसीटती चली जा रही है। मैं छटपटाता और करवट बदलता हूँ, जब तक सूरज नहीं निकल आता।
Зодяглось моє тіло червою та струпами в поросі, шкіра моя затверділа й бридка...
मेरा शरीर कीड़ों और धूल से ढका हुआ है। मेरी त्वचा चिटक गई है और इसमें रिसते हुए फोड़े भर गये हैं।
А дні мої стали швидчіші за ткацького човника, і в марнотній надії минають вони...
“मेरे दिन जुलाहे की फिरकी से भी अधिक तीव्र गति से बीत रहें हैं। मेरे जीवन का अन्त बिना किसी आशा के हो रहा है।
Пам'ятай, що життя моє вітер, моє око вже більш не побачить добра...
हे परमेश्वर, याद रख, मेरा जीवन एक फूँक मात्र है। अब मेरी आँखें कुछ भी अच्छा नहीं देखेंगी।
Не побачить мене око того, хто бачив мене, Твої очі поглянуть на мене та немає мене...
अभी तू मुझको देख रहा है किन्तु फिर तू मुझको नहीं देख पायेगा। तू मुझको ढूँढेगा किन्तु तब तक मैं जा चुका होऊँगा।
Як хмара зникає й проходить, так хто сходить в шеол, не виходить,
एक बादल छुप जाता है और लुप्त हो जाता है। इसी प्रकार एक व्यक्ति जो मर जाता है और कब्र में गाड़ दिया जाता है, वह फिर वापस नहीं आता है।
не вертається вже той до дому свого, та й його не пізнає вже місце його...
वह अपने पुराने घर को वापस कभी भी नहीं लौटेगा। उसका घर उसको फिर कभी भी नहीं जानेगा।
Тож не стримаю я своїх уст, говоритиму в утиску духа свого, нарікати я буду в гіркоті своєї душі:
“अत: मैं चुप नहीं रहूँगा। मैं सब कह डालूँगा। मेरी आत्मा दु:खित है और मेरा मन कटुता से भरा है, अत: मैं अपना दुखड़ा रोऊँगा।
Чи я море чи морська потвора, що Ти надо мною сторожу поставив?
हे परमेश्वर, तू मेरी रखवाली क्यों करता है? क्या मैं समुद्र हूँ, अथवा समुद्र का कोई दैत्य?
Коли я кажу: Нехай постіль потішить мене, хай думки мої ложе моє забере,
जब मुझ को लगता है कि मेरी खाट मुझे शान्ति देगी और मेरा पलंग मुझे विश्राम व चैन देगा।
то Ти снами лякаєш мене, і видіннями страшиш мене...
हे परमेश्वर, तभी तू मुझे स्वप्न में डराता है, और तू दर्शन से मुझे घबरा देता है।
І душа моя прагне задушення, смерти хочуть мої кості.
इसलिए जीवित रहने से अच्छा मुझे मर जाना ज्यादा पसन्द है।
Я обридив життям... Не повіки ж я житиму!... Відпусти ж Ти мене, бо марнота оці мої дні!...
मैं अपने जीवन से घृणा करता हूँ। मेरी आशा टूट चुकी है। मैं सदैव जीवित रहना नहीं चाहता। मुझे अकेला छोड़ दे। मेरा जीवन व्यर्थ है।
Що таке чоловік, що його Ти підносиш, що серце Своє прикладаєш до нього?
हे परमेश्वर, मनुष्य तेरे लिये क्यों इतना महत्वपूर्ण है? क्यों तुझे उसका आदर करना चाहिये? क्यों मनुष्य पर तुझे इतना ध्यान देना चाहिये?
Ти щоранку за ним назираєш, щохвилі його Ти досліджуєш...
हर प्रात: क्यों तू मनुष्य के पास आता है और हर क्षण तू क्यों उसे परखा करता है?
Як довго від мене ще Ти не відвернешся, не пустиш мене проковтнути хоч слину свою?
हे परमेश्वर, तू मुझसे कभी भी दृष्टि नहीं फेरता है और मुझे एक क्षण के लिये भी अकेला नहीं छोड़ता है।
Я згрішив... Що ж я маю робити, о Стороже людський? Чому Ти поклав мене ціллю для Себе, і я стався собі тягарем?
हे परमेश्वर, तू लोगों पर दृष्टि रखता है। यदि मैंने पाप किया, तब मैं क्या कर सकता हूँ तूने मुझको क्यों निशाना बनाया है? क्या मैं तेरे लिये कोई समस्या बना हूँ?
І чому Ти не простиш мойого гріха, і не відкинеш провини моєї? А тепер я до пороху ляжу, і Ти будеш шукати мене, та немає мене...
क्यों तू मेरी गलतियों को क्षमा नहीं करता और मेरे पापों को क्यों तू माफ नहीं करता है? मैं शीघ्र ही मर जाऊँगा और कब्र में चला जाऊँगा। जब तू मुझे ढूँढेगा किन्तु तब तक मैं जा चुका होऊँगा।”