सो मनुष्य तो और भी अधिक गया गुजरा है।
मनुष्य तो कच्चे मिट्टी के घरौंदों में रहते हैं।
इन मिट्टी के घरौंदों की नींव धूल में रखी गई हैं।
इन लोगों को उससे भी अधिक आसानी से मसल कर मार दिया जाता है,
जिस तरह भुनगों को मसल कर मारा जाता है।
Combien plus chez ceux qui habitent des maisons d'argile, Qui tirent leur origine de la poussière, Et qui peuvent être écrasés comme un vermisseau!