तेरह ने अपने परिवार को साथ लिया और कसदियों के उर नगर को छोड़ दिया। उन्होंने कनान की यात्रा करने का इरादा किया। तेरह ने अपने पुत्र अब्राम, अपने पोते लूत (हारान का पुत्र), अपनी पुत्रवधू (अब्राम की पत्नी) सारै को साथ लिया। उन्होंने हारान तक यात्रा की और वहाँ ठहरना तय किया।
وَأَخَذَ تَارَحُ أَبْرَامَ ابْنَهُ، وَلُوطًا بْنَ هَارَانَ، ابْنَ ابْنِهِ، وَسَارَايَ كَنَّتَهُ امْرَأَةَ أَبْرَامَ ابْنِهِ، فَخَرَجُوا مَعًا مِنْ أُورِ الْكَلْدَانِيِّينَ لِيَذْهَبُوا إِلَى أَرْضِ كَنْعَانَ. فَأَتَوْا إِلَى حَارَانَ وَأَقَامُوا هُنَاكَ.