كَمَا يَحِقُّ لِي أَنْ أَفْتَكِرَ هذَا مِنْ جِهَةِ جَمِيعِكُمْ، لأَنِّي حَافِظُكُمْ فِي قَلْبِي، فِي وُثُقِي، وَفِي الْمُحَامَاةِ عَنِ الإِنْجِيلِ وَتَثْبِيتِهِ، أَنْتُمُ الَّذِينَ جَمِيعُكُمْ شُرَكَائِي فِي النِّعْمَةِ.
तुम सब के विषय में मेरे लिये ऐसा सोचना ठीक ही है। क्योंकि तुम सब मेरे मन में बसे हुए हो। और न केवल तब, जब मैं जेल में हूँ, बल्कि तब भी जब मैं सुसमाचार के सत्य की रक्षा करते हुए, उसकी प्रतिष्ठा में लगा था, तुम सब इस विशेषाधिकार में मेरे साथ अनुग्रह में सहभागी रहे हो।