فَكَمْ عِقَابًا أَشَرَّ تَظُنُّونَ أَنَّهُ يُحْسَبُ مُسْتَحِقًّا مَنْ دَاسَ ابْنَ اللهِ، وَحَسِبَ دَمَ الْعَهْدِ الَّذِي قُدِّسَ بِهِ دَنِسًا، وَازْدَرَى بِرُوحِ النِّعْمَةِ؟
सोचो, वह मनुष्य कितने अधिक कड़े दण्ड का पात्र है, जिसने अपने पैरों तले परमेश्वर के पुत्र को कुचला, जिसने वाचा के उस लहू को, जिसने उसेपवित्र किया था, एक अपवित्र वस्तु माना और जिसने अनुग्रह की आत्मा का अपमान किया।