अकसा ने उत्तर दिया, “मैं आप से एक आशीर्वाद पाना चाहूँगी। मैं पानी वाली भूमि चाहती हूँ जो भूमि हमें आप ने नेगेव में दी है, वह बहुत सूखी है, इसलिए मुझे ऐसी भूमि दें जिस में पानी के सोते हों।” इसलिए कालेब ने उस भूमि के ऊपरी और निचले भाग में सोतों के साथ भूमि दी।
فَقَالَتْ: «أَعْطِنِي بَرَكَةً. لأَنَّكَ أَعْطَيْتَنِي أَرْضَ الْجَنُوبِ فَأَعْطِنِي يَنَابِيعَ مَاءٍ». فَأَعْطَاهَا الْيَنَابِيعَ الْعُلْيَا وَالْيَنَابِيعَ السُّفْلَى.