Du hast Menschen reiten lassen auf unserem Haupte; wir sind ins Feuer und ins Wasser gekommen, aber du hast uns herausgeführt zu überströmender Erquickung.
तूने हमें शत्रुओं से पैरों तले रौदंवाया।
तूने हमको आग और पानी में से घसीटा।
किन्तु तू फिर भी हमें सुरक्षित स्थान पर ले आया।
Ich will eingehen in dein Haus mit Brandopfern, will dir bezahlen meine Gelübde,
इसलिए में तेरे मन्दिर में बलियाँ चढ़ाने लाऊँगा।
जब मैं विपति में था, मैंने तेरी शरण माँगी
और मैंने तेरी बहुतेरी मन्नत मानी।
अब उन सब वस्तुओं को जिनकी मैंने मन्नत मानी, अर्पित करता हूँ।
Wozu sich weit aufgetan meine Lippen, und die mein Mund ausgesprochen hat in meiner Bedrängnis.
इसलिए में तेरे मन्दिर में बलियाँ चढ़ाने लाऊँगा।
जब मैं विपति में था, मैंने तेरी शरण माँगी
और मैंने तेरी बहुतेरी मन्नत मानी।
अब उन सब वस्तुओं को जिनकी मैंने मन्नत मानी, अर्पित करता हूँ।