Jestliže ležím, říkám: Kdy vstanu? A pomine noc? Tak pln bývám myšlení až do svitání.
जब मैं लेटता हूँ, मैं सोचा करता हूँ कि
अभी और कितनी देर है मेरे उठने का?
यह रात घसीटती चली जा रही है।
मैं छटपटाता और करवट बदलता हूँ, जब तक सूरज नहीं निकल आता।
Zhřešil jsem, což mám učiniti, ó strážce lidský? Proč jsi mne položil za cíl sobě, tak abych sám sobě byl břemenem?
हे परमेश्वर, तू लोगों पर दृष्टि रखता है।
यदि मैंने पाप किया, तब मैं क्या कर सकता हूँ
तूने मुझको क्यों निशाना बनाया है?
क्या मैं तेरे लिये कोई समस्या बना हूँ?
Nýbrž proč neodejmeš přestoupení mého, a neodpustíš nepravosti mé? Nebo již v zemi lehnu. Potom bys mne i pilně hledal, nebude mne.
क्यों तू मेरी गलतियों को क्षमा नहीं करता और मेरे पापों को
क्यों तू माफ नहीं करता है?
मैं शीघ्र ही मर जाऊँगा और कब्र में चला जाऊँगा।
जब तू मुझे ढूँढेगा किन्तु तब तक मैं जा चुका होऊँगा।”