فَقَامَ فِي الْمَجْمَعِ رَجُلٌ فَرِّيسِيٌّ اسْمُهُ غَمَالاَئِيلُ، مُعَلِّمٌ لِلنَّامُوسِ، مُكَرَّمٌ عِنْدَ جَمِيعِ الشَّعْبِ، وَأَمَرَ أَنْ يُخْرَجَ الرُّسُلُ قَلِيلاً.
किन्तु महासभा में से एक गमलिएल नामक फ़रीसी, जो धर्मशास्त्र का शिक्षक भी था, तथा जिसका सब लोग आदर करते थे, खड़ा हुआ और आज्ञा दी कि इन्हें थोड़ी देर के लिये बाहर कर दिया जाये।