vae tibi Corazain vae tibi Bethsaida quia si in Tyro et Sidone factae fuissent virtutes quae in vobis factae sunt olim in cilicio et cinere sedentes paeniterent
“ओ खुराजीन, ओ बैतसैदा, तुम्हें धिक्कार है, क्योंकि जो आश्चर्यकर्म तुममें किये गए, यदि उन्हें सूर और सैदा में किया जाता, तो न जाने वे कब के टाट के शोक-वस्त्र धारण कर और राख में बैठ कर मन फिरा लेते।