وَفِيمَا هُمَا يُفَارِقَانِهِ قَالَ بُطْرُسُ لِيَسُوعَ: «يَامُعَلِّمُ، جَيِّدٌ أَنْ نَكُونَ ههُنَا. فَلْنَصْنَعْ ثَلاَثَ مَظَالَّ: لَكَ وَاحِدَةً، وَلِمُوسَى وَاحِدَةً، وَلإِيلِيَّا وَاحِدَةً». وَهُوَ لاَ يَعْلَمُ مَا يَقُولُ.
और फिर हुआ यूँ कि जैसे ही वे उससे विदा ले रहे थे, पतरस ने यीशु से कहा, “स्वामी, अच्छा है कि हम यहाँ हैं, हमें तीन मण्डप बनाने हैं — एक तेरे लिए। एक मूसा के लिये और एक एलिय्याह के लिये।” (वह नहीं जानता था, वह क्या कह रहा था।)