وَإِذَا تَخَاصَمَ رِجَالٌ وَصَدَمُوا امْرَأَةً حُبْلَى فَسَقَطَ وَلَدُهَا وَلَمْ تَحْصُلْ أَذِيَّةٌ، يُغَرَّمُ كَمَا يَضَعُ عَلَيْهِ زَوْجُ الْمَرْأَةِ، وَيَدْفَعُ عَنْ يَدِ الْقُضَاةِ.
“दो व्यक्ति आपस में लड़ सकते हैं और किसी गर्भवती स्त्री को चोट पहुँचा सकते हैं। यदि वह स्त्री अपने बच्चे को समय से पहले जन्म देती है, और माँ बुरी तरह घायल नहीं है तो चोट पहुँचानेवाला व्यक्ति उसे अवश्य धन दे। उस स्त्री का पति यह निश्चित करेगा कि वह व्यक्ति कितना धन दे। न्यायाधीश उस व्यक्ति को यह निश्चय करने में सहायता करेंगे कि वह धन कितना होगा।