“और जो बीज काँटो में गिरे, उसका अर्थ है, वह व्यक्ति जो वचन को सुनते हैं किन्तु जब वह अपनी राह चलने लगते हैं तो चिन्ताएँ धन-दौलत और जीवन के भोग विलास उसे दबा देते हैं, जिससे उन पर कभी पकी फसल नहीं उतरती।
А що впало між терен, це ті, хто слухає слово, але, ходячи, бувають придушені клопотами, та багатством, та життьовими розкошами, і плоду вони не дають.