فَمَتَى نَظَرْتُمْ «رِجْسَةَ الْخَرَابِ» الَّتِي قَالَ عَنْهَا دَانِيآلُ النَّبِيُّ، قَائِمَةً حَيْثُ لاَ يَنْبَغِي. لِيَفْهَمِ الْقَارِئُ فَحِينَئِذٍ لِيَهْرُبِ الَّذِينَ فِي الْيَهُودِيَّةِ إِلَى الْجِبَالِ،
“जब तुम ‘भयानक विनाशकारी वस्तुओं को,’ जहाँ वे नहीं होनी चाहियें, वहाँ खड़े देखो” (पढ़ने वाला स्वयं समझ ले कि इसका अर्थ क्या है।) “तब जो लोग यहूदिया में हों, उन्हें पहाड़ों पर भाग जाना चाहिये और