فَأَجَابَ سِمْعَانُ وَقَالَ لَهُ:«يَا مُعَلِّمُ، قَدْ تَعِبْنَا اللَّيْلَ كُلَّهُ وَلَمْ نَأْخُذْ شَيْئًا. وَلكِنْ عَلَى كَلِمَتِكَ أُلْقِي الشَّبَكَةَ».
शमौन बोला, “स्वामी, हमने सारी रात कठिन परिश्रम किया है, पर हमें कुछ नहीं मिल पाया, किन्तु तू कह रहा है इसलिए मैं जाल डाले देता हूँ।”