वहीं लीदिया नाम की एक महिला थी। वह बैंजनी रंग के कपड़े बेचा करती थी। वह परमेश्वर की उपासक थी। वह बड़े ध्यान से हमारी बातें सुन रही थी। प्रभु ने उसके ह्रदय के द्वार खोल दिये थे ताकि, जो कुछ पौलुस कह रहा था, वह उन बातों पर ध्यान दे सके।
A niektóra niewiasta, imieniem Lidyja, która szarłat sprzedawała w mieście Tyjatyrskiem, Boga się bojąca, słuchała; której Pan otworzył serce, aby pilnie słuchała tego, co Paweł mówił.