यह उन पुरुषों की सूची है जो दाऊद के पास आए। जब दाऊद सिकलग नगर में था। दाऊद तब भी कीश के पुत्र शाऊल से अपने को छिपा रहा था। इन पुरुषों ने दाऊद को युद्ध में सहायता दी थी।
ये व्यक्ति अपने दायें या बायें हाथ से धनुष से बाण द्वारा बेध सकते थे। अपनी गुलेल से दायें या बांये हाथ से पत्थर फेंक सकते थे। वे बिन्यामीन परिवार समूह के शाऊल के सम्बन्धी थे। उनके नाम ये थेः
उनका प्रमुख अहीएजेर और योआज (अहीएजेर और योआज शमाआ के पुत्र थे।) शमाआ गिबावासी लोगों में से था। यजीएल और पेलेत (यजीएल और पेलेत अजमावेत के पुत्र थे।), अनातोती नगर के बराका और येहू।
गिबोनी नगर का यिशमायाह; (यिशमायाह तीनों वीरों के साथ एक वीर था और वह तीन वीरों का प्रमुख भी था।); गदेरा लोगों में से यिर्मयाह, यहजीएल, योहानान और योजाबाद;
गाद के परिवार समूह का एक भाग मरुभूमि में दाऊद से उसके किले में आ मिला। वे युद्ध के लिये प्रशिक्षित सैनिक थे। वे भाले और ढाल के उपयोग में कुशल थे। वे सिंह की तरह भयानक दिखते थे और वे हिरन की तरह पहाड़ों में दौड़ सकते थे।
वे लोग गादी सेना के प्रमुख थे। उस समूह का सबसे कमजोर सैनिक भी शत्रु के सौ सेनिकों से युद्ध कर सकता था। उस समूह का सर्वाधिक बलिष्ठ सैनिक शत्रु के एक हजार सैनिकों से युद्ध कर सकता था।
गाद के परिवार समूह के वे सैनिक थे जो वर्ष पहले महीने में यरदन के उस पार गए। यह वर्ष का वह समय था, जब यरदान नदी में बाढ़ आयी थी। उन्होंने घाटियों में रहने वाले सभी लोगों का पीछा करके भगाया। उन्होंने उन लोगों को पूर्व और पश्चिम में पीछा करके भगाया।
दाऊद उनसे मिलने बाहर निकला। दाऊद ने उनसे कहा, “यदि तुम् लोग शान्ति के साथ मेरी सहायता करने आए हो तो, मैं तुम लोगों का स्वागत करता हूँ। मेरे साथ रहो। किन्तु यदि तुम मेरे विरुद्ध जासूसी करने आए हो, जबकि मैंने तुम्हारा कुछ भी बुरा नहीं किया, तो हमारे पूर्वजों का परमेश्वर देखेगा कि तुमने क्या किया और दण्ड देगा।”
अमासै तीस वीरों का प्रमुख था। अमासै पर आत्मा उतरी। अमासै ने कहा,
“दाऊद हम तुम्हारे हैं।
यिशै—पुत्र, हम तुम्हारे साथ हैं!
शान्ति, शान्ति हो तम्हारे साथ!
शान्ति उन लोगों को जो तुम्हारी सहायता करें।
क्यों? क्योंकि तुम्हारी परमेश्वर, तुम्हारा सहायता करता है!”
तब दाऊद ने इन लोगों का स्वागत किया। उसने अपनी सेना में उन्हें प्रमुख बनाया।
मनश्शे के परिवार समूह के कुछ लोग भी दाऊद के साथ हो गये। वे दाऊद के साथ तब हुए जब वह पलिश्तियों के साथ शाऊल से युद्ध करने गया। किन्तु दाऊद और उसके लोगों ने वास्तव में पलिश्तियों की सहायता नहीं की। पलिश्तियों के प्रमुख दाऊद के विषय में सहायक के रूप में बातें करते रहे, किन्तु तब उन्होंने उसे भेज देने का निर्णय लिया। उन शासकों ने कहा, “यदि दाऊद अपने स्वामी शाऊल के पास जाएगा, तो हमारे सिर काट डाले जाएंगे!”
ये मनश्शे के लोग थे जो दाऊद के साथ उस समय मिले जब वह सिकलगः अदना, योजाबाद, यदीएल, मीकाएल, योजाबाद, एलीहू और सिल्लतै नगरों को गया। वे सभी मनेश्शे के परिवार समूह के सेनाध्यक्ष थे।
वे दाऊद की सहायता बुरे लोगों से युद्ध करने में करते थे। वे बुरे लोग पूरे देश में घूमते थे और लोगों की चीजें चुराते थे। मनश्शे के ये सभी वीर योद्धा थे। वे दाऊद की सेना में प्रमुख हुए।
हेब्रोन नगर में जो लोग दाऊद के पास आए, उनकी संख्या यह है। ये व्यक्ति युद्ध के लिये तैयार थे। वे शाऊल के राज्य को, दाऊद को देने आए। यही वह बात थी जिसे यहोवा ने कहा था कि होगा। यह उसकी संख्या हैः
इस्साकार के परिवार से दो सौ बुद्धिमान प्रमुख थे। वे इस्राएल के लिये उचित समय पर ठीक काम करना जानते थे। उनके सम्बन्धी उनके साथ थे और उनके आदेश के पालक थे।
वे सभी पुरुष वीर योद्धा थे। वे हेब्रोन नगर से दाऊद को सारे इस्राएल का राजा बनाने की पूरी सलाह करके आए थे। इस्राएल के अन्य लोगो ने भी सल्लाह की कि दाऊद राजा होगा।
जहाँ इस्सकार, जबूलून, और नप्ताली के समूह रहते थे, उस क्षेत्र से भी उनके पड़ोसी गधे, ऊँट, खच्चर, और गायों पर भोजन लेकर आये। वे बहुत सा आटा, अंजीर—पूड़े, रेशिन, दाखमधु, तेल, गाय बैल और भेड़ें लाए। इस्राएल में लोग बहुत खुश थे।