Colossians 3

igitur si conresurrexistis Christo quae sursum sunt quaerite ubi Christus est in dextera Dei sedens
क्योंकि यदि तुम्हें मसीह के साथ मरे हुओं में से जिला कर उठाया गया है तो उन वस्तुओं के लिये प्रयत्नशील रहो जो स्वर्ग में हैं जहाँ परमेश्वर की दाहिनी ओर मसीह विराजित है।
quae sursum sunt sapite non quae supra terram
स्वर्ग की वस्तुओं के सम्बन्ध में ही सोचते रहो। भौतिक वस्तुओं के सम्बन्ध में मत सोचो।
mortui enim estis et vita vestra abscondita est cum Christo in Deo
क्योंकि तुम लोगों का पुराना व्यक्तित्व मर चुका है और तुम्हारा नया जीवन मसीह के साथ साथ परमेश्वर में छिपा है।
cum Christus apparuerit vita vestra tunc et vos apparebitis cum ipso in gloria
जब मसीह, जो हमारा जीवन है, फिर से प्रकट होगा तो तुम भी उसके साथ उसकी महिमा में प्रकट होओगे।
mortificate ergo membra vestra quae sunt super terram fornicationem inmunditiam libidinem concupiscentiam malam et avaritiam quae est simulacrorum servitus
इसलिए तुममें जो कुछ सांसारिक बातें है, उसका अंत कर दो। व्यभिचार, अपवित्रता, वासना, बुरी इच्छाएँ और लालच जो मूर्ति उपासना का ही एक रूप है,
propter quae venit ira Dei super filios incredulitatis
इन ही बातों के कारण परमेश्वर का क्रोध प्रकट होने जा रहा है।
in quibus et vos ambulastis aliquando cum viveretis in illis
एक समय था जब तुम भी ऐसे कर्म करते हुए इसी प्रकार का जीवन जीया करते थे।
nunc autem deponite et vos omnia iram indignationem malitiam blasphemiam turpem sermonem de ore vestro
किन्तु अब तुम्हें इन सब बातों के साथ साथ क्रोध, झुँझलाहट, शत्रुता, निन्दा-भाव और अपशब्द बोलने से छुटकारा पा लेना चाहिए।
nolite mentiri invicem expoliantes vos veterem hominem cum actibus eius
आपस में झूठ मत बोलो क्योंकि तुमने अपने पुराने व्यक्तित्व को उसके कर्मो सहित उतार फेंका है।
et induentes novum eum qui renovatur in agnitionem secundum imaginem eius qui creavit eum
और नये व्यक्तित्व को धारण कर लिया है जो अपने रचयिता के स्वरूप में स्थित होकर परमेश्वर के सम्पूर्ण ज्ञान के निमित्त निरन्तर नया होता जा रहा है।
ubi non est gentilis et Iudaeus circumcisio et praeputium barbarus et Scytha servus et liber sed omnia et in omnibus Christus
परिणामस्वरूप वहाँ यहूदी और ग़ैर यहूदी में कोई अन्तर नहीं रह गया है, न किसी ख़तना युक्त और ख़तना रहित में, न किसी असभ्य और बर्बर में, न दास और एक स्वतन्त्र व्यक्ति में कोई अन्तर है। मसीह सर्वेसर्वा है और सब विश्वासियों में उसी का निवास है।
induite vos ergo sicut electi Dei sancti et dilecti viscera misericordiae benignitatem humilitatem modestiam patientiam
क्योंकि तुम परमेश्वर के चुने हुए पवित्र और प्रियजन हो इसलिए सहानुभूति, दया, नम्रता, कोमलता और धीरज को धारण करो।
subportantes invicem et donantes vobis ipsis si quis adversus aliquem habet querellam sicut et Dominus donavit vobis ita et vos
तुम्हें आपस में जब कभी किसी से कोई कष्ट हो तो एक दूसरे की सह लो और परस्पर एक दूसरे को मुक्त भाव से क्षमा कर दो। तुम्हें आपस में एक दूसरे को ऐसे ही क्षमा कर देना चाहिए जैसे परमेश्वर ने तुम्हें मुक्त भाव से क्षमा कर दिया।
super omnia autem haec caritatem quod est vinculum perfectionis
इन बातों के अतिरिक्त प्रेम को धारण करो। प्रेम ही सब को आपस में बाँधता और परिपूर्ण करता है।
et pax Christi exultet in cordibus vestris in qua et vocati estis in uno corpore et grati estote
तुम्हारे मन पर मसीह से प्राप्त होने वाली शांति का शासन हो। इसी के लिये तुम्हें उसी एक देह में बुलाया गया है। सदा धन्यवाद करते रहो।
verbum Christi habitet in vobis abundanter in omni sapientia docentes et commonentes vosmet ipsos psalmis hymnis canticis spiritalibus in gratia cantantes in cordibus vestris Deo
अपनी सम्पन्नता के साथ मसीह का संदेश तुम में वास करे। भजनों, स्तुतियों और आत्मा के गीतों को गाते हुए बड़े विवेक के साथ एक दूसरे को शिक्षा और निर्देश देते रहो। परमेश्वर को मन ही मन धन्यवाद देते हुए गाते रहो।
omne quodcumque facitis in verbo aut in opere omnia in nomine Domini Iesu gratias agentes Deo et Patri per ipsum
और तुम जो कुछ भी करो या कहो, वह सब प्रभु यीशु के नाम पर हो। उसी के द्वारा तुम हर समय परम पिता परमेश्वर को धन्यवाद देते रहो।
mulieres subditae estote viris sicut oportet in Domino
हे पत्नियों, अपने पतियों के प्रति उस प्रकार समर्पित रहो जैसे प्रभु के अनुयायियों को शोभा देता है।
viri diligite uxores et nolite amari esse ad illas
हे पतियों, अपनी पत्नियों से प्रेम करो, उनके प्रति कठोर मत बनो।
filii oboedite parentibus per omnia hoc enim placitum est in Domino
हे बालकों, सब बातों में अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करो। क्योंकि प्रभु के अनुयायियों के इस व्यवहार से परमेश्वर प्रसन्न होता है।
patres nolite ad indignationem provocare filios vestros ut non pusillo animo fiant
हे पिताओं, अपने बालकों को कड़ुवाहट से मत भरो। कहीं ऐसा न हो कि वे जतन करना ही छोड़ दें।
servi oboedite per omnia dominis carnalibus non ad oculum servientes quasi hominibus placentes sed in simplicitate cordis timentes Dominum
हे सेवकों, अपने सांसारिक स्वामियों की सब बातों का पालन करो। केवल लोगों को प्रसन्न करने के लिये उसी समय नहीं जब वे देख रहे हों, बल्कि सच्चे मन से उनकी मानो। क्योंकि तुम प्रभु का आदर करते हो।
quodcumque facitis ex animo operamini sicut Domino et non hominibus
तुम जो कुछ करो अपने समूचे मन से करो। मानों तुम उसे लोगों के लिये नहीं बल्कि प्रभु के लिये कर रहे हो।
scientes quod a Domino accipietis retributionem hereditatis Domino Christo servite
याद रखो कि तुम्हें प्रभु से उत्तराधिकार का प्रतिफल प्राप्त होगा। अपने स्वामी मसीह की सेवा करते रहो
qui enim iniuriam facit recipiet id quod inique gessit et non est personarum acceptio
क्योंकि जो बुरा कर्म करेगा, उसे उसका फल मिलेगा और वहाँ कोई पक्षपात नहीं है।