लूत ने कहा, “आप सब महोदय, कृप्या मेरे घर चलें और मैं आप लोगों की सेवा करूँगा। वहाँ आप लोग अपने पैर धो सकते हैं और रात को ठहर सकते हैं। तब कल आप लोग अपनी यात्रा आरम्भ कर सकते हैं।” स्वर्गदूतों ने उत्तर दिया, “नहीं, हम लोग रात को मैदान में ठहरेंगे।”
Puis il dit: Voici, mes seigneurs, entrez, je vous prie, dans la maison de votre serviteur, et passez-y la nuit; lavez-vous les pieds; vous vous lèverez de bon matin, et vous poursuivrez votre route. Non, répondirent-ils, nous passerons la nuit dans la rue.