दास के रूप में नहीं, बल्कि दास से अधिक एक प्रिय बन्धु के रूप में। मैं उससे बहुत प्रेम करता हूँ किन्तु तू उसे और अधिक प्रेम करेगा। केवल एक मनुष्य के रूप में ही नहीं बल्कि प्रभु में स्थित एक बन्धु के रूप में भी।
لاَ كَعَبْدٍ فِي مَا بَعْدُ، بَلْ أَفْضَلَ مِنْ عَبْدٍ: أَخًا مَحْبُوبًا، وَلاَ سِيَّمَا إِلَيَّ، فَكَمْ بِالْحَرِيِّ إِلَيْكَ فِي الْجَسَدِ وَالرَّبِّ جَمِيعًا!