La femme, lorsqu'elle enfante, éprouve de la tristesse, parce que son heure est venue; mais, lorsqu'elle a donné le jour à l'enfant, elle ne se souvient plus de la souffrance, à cause de la joie qu'elle a de ce qu'un homme est né dans le monde.
“जब कोई स्त्री जनने लगती है, तब उसे पीड़ा होती है क्योंकि उसकी पीड़ा की घड़ी आ चुकी होती है। किन्तु जब वह बच्चा जन चुकी होती है तो इस आनन्द से कि एक व्यक्ति इस संसार में पैदा हुआ है वह आनन्दित होती है और अपनी पीड़ा को भूल जाती है।