أَمَّا الْعُصْفُورُ الْحَيُّ فَيَأْخُذُهُ مَعَ خَشَبِ الأَرْزِ وَالْقِرْمِزِ وَالزُّوفَا وَيَغْمِسُهَا مَعَ الْعُصْفُورِ الْحَيِّ فِي دَمِ الْعُصْفُورِ الْمَذْبُوحِ عَلَى الْمَاءِ الْحَيِّ،
तब याजक दूसरे पक्षी को ले, जो अभी जीवित है और देवदारू की लकड़ी, लाल कपड़े के टुकड़े और जूफा का पौधा ले। याजक को जीवित पक्षी और अन्य चीज़ों को बहते हुए पानी के ऊपर मारे गए पक्षी के खून में डूबाना चाहिए।