وَالأَبْرَصُ الَّذِي فِيهِ الضَّرْبَةُ، تَكُونُ ثِيَابُهُ مَشْقُوقَةً، وَرَأْسُهُ يَكُونُ مَكْشُوفًا، وَيُغَطِّي شَارِبَيْهِ، وَيُنَادِي: نَجِسٌ، نَجِسٌ.
यदि किसी व्यक्ति को भयानक चर्मरोग हो तो उस ब्यक्ति को अन्य लोगों को सावधान करना चाहिए। उस व्यक्ति को जोर से ‘अशुद्ध! अशुद्ध! कहना चाहिए, उस व्यक्ति के वस्त्रों को, सिलाई से फाड़ देना चाहिए उस व्यक्ति को, अपने बालों को सँवारना नहीं चाहिए और उस व्यक्ति को अपना मुख ढकना चाहिए।