جب عزرا اِس طرح دعا کر رہا اور اللہ کے گھر کے سامنے پڑے ہوئے اور روتے ہوئے قوم کے قصور کا اقرار کر رہا تھا تو اُس کے ارد گرد اسرائیلی مردوں، عورتوں اور بچوں کا بڑا ہجوم جمع ہو گیا۔ وہ بھی پھوٹ پھوٹ کر رونے لگے۔
एज्रा प्रार्थना कर रहा था और पापों को स्वीकार कर रहा था। वह परमेश्वर के मन्दिर के सामने रो रहा था और झुक कर प्रणाम कर रहा था। जिस समय एज्रा यह कर रहा था उस समय इस्राएल के लोगों का एक बड़ा समूह स्त्री, पुरूष और बच्चे उसके चारों ओर इकट्ठे हो गए। वे लोग भी जोर—जोर से रो रहे थे।
پھر عیلام کے خاندان کے سکنیاہ بن یحی ایل نے عزرا سے کہا، ”واقعی ہم نے پڑوسی قوموں کی عورتوں سے شادی کر کے اپنے خدا سے بےوفائی کی ہے۔ توبھی اب تک اسرائیل کے لئے اُمید کی کرن باقی ہے۔
तब यहीएल के पुत्र शकन्याह ने जो एलाम के वंशजों में से था, एज्रा से बातें कीं। शकन्याह ने कहा, “हम लोग अपने परमेश्वर के भक्त नहीं रहे। हम लोगों ने अपने चारों ओर रहने वाले दूसरी जाति के लोगों के साथ विवाह किया। किन्तु यद्यपि हम यह कर चुके हैं तो भी इस्राएल के लिये आशा है।
آئیں، ہم اپنے خدا سے عہد باندھ کر وعدہ کریں کہ ہم اُن تمام عورتوں کو اُن کے بچوں سمیت واپس بھیج دیں گے۔ جو بھی مشورہ آپ اور اللہ کے احکام کا خوف ماننے والے دیگر لوگ ہمیں دیں گے وہ ہم کریں گے۔ سب کچھ شریعت کے مطابق کیا جائے۔
अब हम अपने परमेश्वर के सामने उन सभी स्त्रियों और उनके बच्चों को वापस भेजने की वाचा करें। हम लोग यह एज्रा की सलाह मानने के लिये और उन लोगों की सलाह मानने के लिये करेंगे जो परमेश्वर के नियमों का सम्मान करते हैं। हम परमेश्वर के नियमों का पालन करेंगें।
پھر عزرا اللہ کے گھر کے سامنے سے چلا گیا اور یوحنان بن اِلیاسب کے کمرے میں داخل ہوا۔ وہاں اُس نے پوری رات کچھ کھائے پیئے بغیر گزاری۔ اب تک وہ جلاوطنی سے واپس آئے ہوئے لوگوں کی بےوفائی پر ماتم کر رہا تھا۔
तब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने से दूर हट गया। एज्रा एल्याशीब के पुत्र योहानान के कमरे में गया। जब तक एज्रा वहाँ रहा उसने भोजन नहीं किया और न ही पानी पिया। उसने यह किया क्योंकि वह तब भी बहुत दु:खी था। वह इस्राएल के उन लोगों के लिये दु:खी था जो यरूशलेम को वापस आए थे।
سرکاری افسروں اور بزرگوں نے فیصلہ کیا کہ یروشلم اور پورے یہوداہ میں اعلان کیا جائے، ”لازم ہے کہ جتنے بھی اسرائیلی جلاطنی سے واپس آئے ہیں وہ سب تین دن کے اندر اندر یروشلم میں جمع ہو جائیں۔ جو بھی اِس دوران حاضر نہ ہو اُسے جلاوطنوں کی جماعت سے خارج کر دیا جائے گا اور اُس کی تمام ملکیت ضبط ہو جائے گی۔“
तब उसने एक सन्देश यहूदा और यरूशलेम में हर एक स्थान पर भेजा। सन्देश में बन्धुवाई से वापस लौटे सभी यहूदी लोगों को यरूशलेम में एक साथ इकट्ठा होने को कहा।
سرکاری افسروں اور بزرگوں نے فیصلہ کیا کہ یروشلم اور پورے یہوداہ میں اعلان کیا جائے، ”لازم ہے کہ جتنے بھی اسرائیلی جلاطنی سے واپس آئے ہیں وہ سب تین دن کے اندر اندر یروشلم میں جمع ہو جائیں۔ جو بھی اِس دوران حاضر نہ ہو اُسے جلاوطنوں کی جماعت سے خارج کر دیا جائے گا اور اُس کی تمام ملکیت ضبط ہو جائے گی۔“
कोई भी व्यक्ति जो तीन दिन के भीतर यरूशलेम नहीं आएगा, उसे अपनी सारी धन सम्पत्ति दे देनी होगी। बड़े अधिकारियों और अग्रजों (प्रामुखों) ने यह निर्णय लिया और वह व्यक्ति उस व्यक्ति समूह का सदस्य नहीं रह जायेगा जिनके मध्य वह रहता होगा।
تب یہوداہ اور بن یمین کے قبیلوں کے تمام آدمی تین دن کے اندر اندر یروشلم پہنچے۔ نویں مہینے کے بیسویں دن سب لوگ اللہ کے گھر کے صحن میں جمع ہوئے۔ سب معاملے کی سنجیدگی اور موسم کے سبب سے کانپ رہے تھے، کیونکہ بارش ہو رہی تھی۔
अत: तीन दिन के भीतर यहूदा और बिन्यामीन के परिवार के सभी पुरूष यरूशलेम में इकट्ठे हुए और नवें महीने के बीसवें दिन सभी लोग मन्दिर के आँगन में आ गये। वे सभी इस सभा के विचारणीय विषय के कारण तथा भारी वर्षा से बहुत परेशान थे।
عزرا امام کھڑے ہو کر کہنے لگا، ”آپ اللہ سے بےوفا ہو گئے ہیں۔ غیریہودی عورتوں سے رشتہ باندھنے سے آپ نے اسرائیل کے قصور میں اضافہ کر دیا ہے۔
तब याजक एज्रा खड़ा हुआ और उसने उन लोगों से कहा, “तुम लोग परमेश्वर के प्रति विश्वासी नहीं रहे। तुमने विदेशी स्त्रियों के साथ विवाह किया है। तुमने वैसा करके इस्राएल को और अधिक अपराधी बनाया है।
اب رب اپنے باپ دادا کے خدا کے حضور اپنے گناہوں کا اقرار کر کے اُس کی مرضی پوری کریں۔ پڑوسی قوموں اور اپنی پردیسی بیویوں سے الگ ہو جائیں۔“
अब तुम लोगों के यहोवा को सामने स्वीकार करना होगा कि तुमने पाप किया है। यहोवा तुम लोगों के पूर्वजों का परमेश्वर है। तुम्हें यहोवा के आदेश का पालन करना चाहिए। अपने चारों ओर रहने वाले लोगों तथा अपनी विदेशी पत्नियों से अपने को अलग करो।”
پوری جماعت نے بلند آواز سے جواب دیا، ”آپ ٹھیک کہتے ہیں! لازم ہے کہ ہم آپ کی ہدایت پر عمل کریں۔
तब पूरे समूह ने जो एक साथ इकट्ठा था, एज़्रा को उत्तर दिया। उन्होंने ऊँची आवाज़ में कहा: “एज्रा तुम बिल्कुल ठीक कहते हो! हमें वह करना चाहिये जो तुम कहते हो।
لیکن یہ کوئی ایسا معاملہ نہیں ہے جو ایک یا دو دن میں درست کیا جا سکے۔ کیونکہ ہم بہت لوگ ہیں اور ہم سے سنجیدہ گناہ سرزد ہوا ہے۔ نیز، اِس وقت برسات کا موسم ہے، اور ہم زیادہ دیر باہر نہیں ٹھہر سکتے۔
किन्तु यहाँ बहुत से लोग हैं और यह वर्षा का समय है सो हम लोग बाहर खड़े नहीं रह सकते। यह समस्या एक या दो दिन में हल नहीं होगी क्योंकि हम लोगों ने बुरी तरह पाप किये हैं।
بہتر ہے کہ ہمارے بزرگ پوری جماعت کی نمائندگی کریں۔ پھر جتنے بھی آدمیوں کی غیریہودی بیویاں ہیں وہ ایک مقررہ دن مقامی بزرگوں اور قاضیوں کو ساتھ لے کر یہاں آئیں اور معاملہ درست کریں۔ اور لازم ہے کہ یہ سلسلہ اُس وقت تک جاری رہے جب تک رب کا غضب ٹھنڈا نہ ہو جائے۔“
पूरे समूह के सभा की ओर से हमारे प्रमुखों को निर्णय करने दो। तब निश्चित समय पर हमारे नगरों का हर एक व्यक्ति जिसने किसी विदेशी स्त्री से विवाह किया है, यरूशलेम आए। उन्हें अपने अग्रजों (प्रमुखों) और नगरों के न्यायाधीशों के साथ यहाँ आने दिया जाये। तब हमारा परमेश्वर हम पर क्रोधित होना छोड़ देगा।”
تمام لوگ متفق ہوئے، صرف یونتن بن عساہیل اور یحزیاہ بن تِقوَہ نے فیصلے کی مخالفت کی جبکہ مسُلّام اور سبّتی لاوی اُن کے حق میں تھے۔
केवल थोड़े से व्यक्ति इस योजना के विरूद्ध थे। ये व्यक्ति थे असाहेल का पुत्र योनातान और तिकवा का पुत्र यहजयाह थे। लेवीवंशी मशुल्लाम और शब्बतै भी इस योजना के विरूद्ध थे।
توبھی اسرائیلیوں نے منصوبے پر عمل کیا۔ عزرا امام نے چند ایک خاندانی سرپرستوں کے نام لے کر اُنہیں یہ ذمہ داری دی کہ جہاں بھی کسی یہودی مرد کی غیریہودی عورت سے شادی ہوئی ہے وہاں وہ پورے معاملے کی تحقیق کریں۔ اُن کا کام دسویں مہینے کے پہلے دن شروع ہوا اور پہلے مہینے کے پہلے دن تکمیل تک پہنچا۔
अत: इस्राएल के वे लोग, जो यरूशलेम में वापस आए थे, उस योजना को स्वीकार करने को सहमत हो गए। याजक एज्रा ने परिवार के प्रमुख पुरूषों को चुना। उसने हर एक परिवार समूह से एक व्यक्ति को चुना। हर एक व्यक्ति नाम लेकर चुना गया। दसवें महीने के प्रथम दिन जो लोग चुने गए थे हर एक मामले की जाँच के लिये बैठे।
توبھی اسرائیلیوں نے منصوبے پر عمل کیا۔ عزرا امام نے چند ایک خاندانی سرپرستوں کے نام لے کر اُنہیں یہ ذمہ داری دی کہ جہاں بھی کسی یہودی مرد کی غیریہودی عورت سے شادی ہوئی ہے وہاں وہ پورے معاملے کی تحقیق کریں۔ اُن کا کام دسویں مہینے کے پہلے دن شروع ہوا اور پہلے مہینے کے پہلے دن تکمیل تک پہنچا۔
पहले महीने के पहले दिन तक उन्होंने उन सभी व्यक्तियों पर विचार करना पूरा कर लिया जिन्होंने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया था।
درجِ ذیل اُن آدمیوں کی فہرست ہے جنہوں نے غیریہودی عورتوں سے شادی کی تھی۔ اُنہوں نے قَسم کھا کر وعدہ کیا کہ ہم اپنی بیویوں سے الگ ہو جائیں گے۔ ساتھ ساتھ ہر ایک نے قصور کی قربانی کے طور پر مینڈھا قربان کیا۔ اماموں میں سے قصوروار: یشوع بن یو صدق اور اُس کے بھائی معسیاہ، اِلی عزر، یریب اور جِدلیاہ،
याजकों के वंशजों में ये नाम हैं जिन्होंने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया: योसादाक के पुत्र येशू के वंशजों, और येशू के भाईयों में से ये व्यक्ति:
मासेयाह, एलीआज़र, यारीब और गदल्याह ।
درجِ ذیل اُن آدمیوں کی فہرست ہے جنہوں نے غیریہودی عورتوں سے شادی کی تھی۔ اُنہوں نے قَسم کھا کر وعدہ کیا کہ ہم اپنی بیویوں سے الگ ہو جائیں گے۔ ساتھ ساتھ ہر ایک نے قصور کی قربانی کے طور پر مینڈھا قربان کیا۔ اماموں میں سے قصوروار: یشوع بن یو صدق اور اُس کے بھائی معسیاہ، اِلی عزر، یریب اور جِدلیاہ،
इन सभी ने अपनी —अपनी पत्नियों से सम्बन्ध —विच्छेद करना स्वीकार किया और तब हर एक ने अपने रेवड़ से एक —एक मेढ़ा अपराध भेंट के रूप में चढ़ाया। उन्होंने ऐसे अपने —अपने अपराधों के कारण किया।
گلوکاروں میں سے قصوروار: اِلیاسب۔ رب کے گھر کے دربانوں میں سے قصوروار: سلّوم، طِلِم اور اُوری۔
गायकों में केवल यह व्यक्ति है, जिसने विदेशी स्त्री से विवाह किया: एल्याशीब। द्वारपालों में से ये लोग हैं जिन्होंने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया: शल्लूम, तेलेम और ऊरी।
باقی قصوروار اسرائیلی: پرعوس کے خاندان کا رمیاہ، یزیاہ، ملکیاہ، میامین، اِلی عزر، ملکیاہ اور بِنایاہ۔
इस्राएल के लोगों में से ये लोग हैं जिन्होंने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया: परोश के वंशजों से ये व्यक्ति: रम्याह, यिज्जियाह, मलिकयाह, मियामीन, एलीआज़र, मल्कियाह और बनायाह।