Leviticus 13

यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
وَكَلَّمَ الرَّبُّ مُوسَى وَهَارُونَ قَائِلاً:
“किसी व्यक्ति के चर्म पर कोई भयंकर सूजन हो सकती है, या खुजली अथवा सफेद दाग हो सकते हैं। यदि घाव चर्मरोग की तरह दिखाई पड़े तो व्यक्ति को याजक हारून या उसके किसी एक याजक पुत्र के पास लाया जाना चाहिए।
«إِذَا كَانَ إِنْسَانٌ فِي جِلْدِ جَسَدِهِ نَاتِئٌ أَوْ قُوبَاءُ أَوْ لُمْعَةٌ تَصِيرُ فِي جِلْدِ جَسَدِهِ ضَرْبَةَ بَرَصٍ، يُؤْتَى بِهِ إِلَى هَارُونَ الْكَاهِنِ أَوْ إِلَى أَحَدِ بَنِيهِ الْكَهَنَةِ.
याजकों को व्यक्ति के चर्म के घाव को देखना चाहिए। यदि घाव के बाल सफेद हो गए हों और घाव व्यक्ति के चर्म से अधिक गहरा मालूम हो तो यह भयंकर चर्म रोग है. जब याजक व्यक्ति की जाँच खत्म करे तो उसे घोषणा करनी चाहिए कि व्यक्ति अशुद्ध है।
فَإِنْ رَأَى الْكَاهِنُ الضَّرْبَةَ فِي جِلْدِ الْجَسَدِ، وَفِي الضَّرْبَةِ شَعَرٌ قَدِ ابْيَضَّ، وَمَنْظَرُ الضَّرْبَةِ أَعْمَقُ مِنْ جِلْدِ جَسَدِهِ، فَهِيَ ضَرْبَةُ بَرَصٍ. فَمَتَى رَآهُ الْكَاهِنُ يَحْكُمُ بِنَجَاسَتِهِ.
“कभी कभी किसी व्यक्ति के चर्म पर कोई सफेद दाग हो जाता है किन्तु दाग चर्म से गहरा नहीं मालूम होता। यदि वह सत्य हो तो याजक उस व्यक्ति को सात दिन के लिए अन्य लोगों से अलग करे।
لكِنْ إِنْ كَانَتِ الضَّرْبَةُ لُمْعَةً بَيْضَاءَ فِي جِلْدِ جَسَدِهِ، وَلَمْ يَكُنْ مَنْظَرُهَا أَعْمَقَ مِنَ الْجِلْدِ، وَلَمْ يَبْيَضَّ شَعْرُهَا، يَحْجُزُ الْكَاهِنُ الْمَضْرُوبَ سَبْعَةَ أَيَّامٍ.
सातवे दिन याजक को उस व्यक्ति की जाँच करनी चाहिए। यदि याजक देखे कि घाव में परिवर्तन नहीं हुआ है और वह चर्म पर और अधिक फैला नहीं है तो याजक को और सात दिन के लिए उसे अलग करना चाहिए।
فَإِنْ رَآهُ الْكَاهِنُ فِي الْيَوْمِ السَّابعِ وَإِذَا فِي عَيْنِهِ الضَّرْبَةُ قَدْ وَقَفَتْ، وَلَمْ تَمْتَدَّ الضَّرْبَةُ فِي الْجِلْدِ، يَحْجُزُهُ الْكَاهِنُ سَبْعَةَ أَيَّامٍ ثَانِيَةً.
सात दिन बाद याजक को उस व्यक्ति की फिर जांच करनी चाहिए। यदि घाव सूख गया हो और चरम पर फैला न हो, तो याजक को घोषणा करनी चाहिए कि व्यक्ति शुद्ध है। वह केवल एक खुरंड है। तब रोगी को अपने वस्त्र धोने चाहिए और फिर से शुद्ध होना चाहिए।
فَإِنْ رَآهُ الْكَاهِنُ فِي الْيَوْمِ السَّابعِ ثَانِيَةً وَإِذَا الضَّرْبَةُ كَامِدَةُ اللَّوْنِ، وَلَمْ تَمْتَدَّ الضَّرْبَةُ فِي الْجِلْدِ، يَحْكُمُ الْكَاهِنُ بِطَهَارَتِهِ. إِنَّهَا حِزَازٌ. فَيَغْسِلُ ثِيَابَهُ وَيَكُونُ طَاهِرًا.
“किन्तु यदि व्यक्ति ने याजक को फिर अपने आपको सुद्ध बनाने के लिए दिखा लिया हो और उसके बाद चर्मरोग त्वचा पर अधिक फैलने लगे तो उस व्यक्ति को फिर याजक के पास आना चाहिए।
لكِنْ إِنْ كَانَتِ الْقُوبَاءُ تَمْتَدُّ فِي الْجِلْدِ بَعْدَ عَرْضِهِ عَلَى الْكَاهِنِ لِتَطْهِيرِهِ، يُعْرَضُ عَلَى الْكَاهِنِ ثَانِيَةً.
याजक को जाँच करके देखना चाहिए। यदि घाव चर्म पर फैला हो तो याजक को घोषमा करनी चाहिए कि वह व्यक्ति अशुद्ध है अर्थात् उसे कोई भयानक चर्मरोग है।
فَإِنْ رَأَى الْكَاهِنُ وَإِذَا الْقُوبَاءُ قَدِ امْتَدَّتْ فِي الْجِلْدِ، يَحْكُمُ الْكَاهِنُ بِنَجَاسَتِهِ. إِنَّهَا بَرَصٌ.
“यदि व्यक्ति को भयानक चर्मरोग हुआ हो तो उसे याजक के पास लाया जाना चाहिए।
«إِنْ كَانَتْ فِي إِنْسَانٍ ضَرْبَةُ بَرَصٍ فَيُؤْتَى بِهِ إِلَى الْكَاهِنِ.
याजक को उस व्यक्ति की जाँच करके देखना चाहिए। यदि चर्म पर सफेद दाग हो और उसमे सूजन हो, उस स्थान के बाल सफेद हो गए हों और यदि वहाँ घाव कच्चा हो
فَإِنْ رَأَى الْكَاهِنُ وَإِذَا فِي الْجِلْدِ نَاتِئٌ أَبْيَضُ، قَدْ صَيَّرَ الشَّعْرَ أَبْيَضَ، وَفِي النَّاتِئِ وَضَحٌ مِنْ لَحْمٍ حَيٍّ،
तो यह कोई भयानक चर्मरोग है जो उस व्यक्ति को बहुत समय से है। अत: याजक को उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर देना चाहिए। याजक उस व्यक्ति को केवल थोड़े से समय के लिए ही अन्य लोगों से अलग नहीं करेगा। क्यों? क्योंकि वह जानता है कि वह व्यक्ति अशुद्ध है।
فَهُوَ بَرَصٌ مُزْمِنٌ فِي جِلْدِ جَسَدِهِ. فَيَحْكُمُ الْكَاهِنُ بِنَجَاسَتِهِ. لاَ يَحْجُزُهُ لأَنَّهُ نَجِسٌ.
“यदि कभी चरमरोग व्यक्ति के सारे शरीर पर फैल जाए, वह चर्मरोग उस व्यक्ति के चरम को सिर से पाँव तक ढकले,
لكِنْ إِنْ كَانَ الْبَرَصُ قَدْ أَفْرَخَ فِي الْجِلْدِ، وَغَطَّى الْبَرَصُ كُلَّ جِلْدِ الْمَضْرُوبِ مِنْ رَأْسِهِ إِلَى قَدَمَيْهِ حَسَبَ كُلِّ مَا تَرَاهُ عَيْنَا الْكَاهِنِ،
और याजक देखे कि चर्मरोग पूरे शरीर को इस प्रकार ढके है कि उस व्यक्ति का पूरा शरीर ही सफेद हो गया है तो याजक को उसे शुद्ध घोषित कर देना चाहिए।
وَرَأَى الْكَاهِنُ وَإِذَا الْبَرَصُ قَدْ غَطَّى كُلَّ جِسْمِهِ، يَحْكُمُ بِطَهَارَةِ الْمَضْرُوبِ. كُلُّهُ قَدِ ابْيَضَّ. إِنَّهُ طَاهِرٌ.
किन्तु यदि व्यक्ति का चरम घाव जैसा कच्चा हो तो वह शुद्ध नहीं है।
لكِنْ يَوْمَ يُرَى فِيهِ لَحْمٌ حَيٌّ يَكُونُ نَجِسًا.
जब याजक कच्चा चर्म देखे, तब उसे घोषित करना चाहिए कि व्यक्ति अशुद्ध है। कच्चा चर्म शुद्ध नहीं है। यह भयानक चर्मरोग है।
فَمَتَى رَأَى الْكَاهِنُ اللَّحْمَ الْحَيَّ يَحْكُمُ بِنَجَاسَتِهِ. اللَّحْمُ الْحَيُّ نَجِسٌ. إِنَّهُ بَرَصٌ.
“यदि चर्म फिर कच्चा पड़ जाये और सफेद हो जाये तो व्यक्ति को याजक के पास आना चाहिए।
ثُمَّ إِنْ عَادَ اللَّحْمُ الْحَيُّ وَابْيَضَّ يَأْتِي إِلَى الْكَاهِنِ.
याजक को उस व्यक्ति की जाँच करके देखना चाहिए। यदि रोग ग्रस्त अंग सफेद हो गया हो तो याजक को घोषित करन चाहिए कि वह व्यक्ति जिसे छूत रोग है, वह अंग शुद्ध है। सो वह व्यक्ति शुद्ध है।
فَإِنْ رَآهُ الْكَاهِنُ وَإِذَا الضَّرْبَةُ قَدْ صَارَتْ بَيْضَاءَ، يَحْكُمُ الْكَاهِنُ بِطَهَارَةِ الْمَضْرُوبِ. إِنَّهُ طَاهِرٌ.
“हो सकता है कि शरीर के चर्म पर कोई फोड़ा हो। और फोड़ा ठीक हो जाय।
«وَإِذَا كَانَ الْجِسْمُ فِي جِلْدِهِ دُمَّلَةٌ قَدْ بَرِئَتْ،
किन्तु फोड़े की जगह पर सफेद सूजन या गहरी लाली लिए सफेद और चमकीला दाग रह जाय तब चर्म का यह स्थान याजक को दिखाना चाहिए।
وَصَارَ فِي مَوْضِعِ الدُّمَّلَةِ نَاتِئٌ أَبْيَضُ، أَوْ لُمْعَةٌ بَيْضَاءُ ضَارِبَةٌ إِلَى الْحُمْرَةِ، يُعْرَضُ عَلَى الْكَاهِنِ.
याजक को उसे देखना चाहिए। यदि सूजन चर्म से गहरा है और इस पर के बाल सफेद हो गये हैं तो याजक को घोषणा करनी चाहिए कि वह व्यक्ति अशुदध है। वह दाग भयानक चर्म रोग है। यह फोड़े के भीतर से फूट पड़ा है।
فَإِنْ رَأَى الْكَاهِنُ وَإِذَا مَنْظَرُهَا أَعْمَقُ مِنَ الْجِلْدِ وَقَدِ ابْيَضَّ شَعْرُهَا، يَحْكُمُ الْكَاهِنُ بِنَجَاسَتِهِ. إِنَّهَا ضَرْبَةُ بَرَصٍ أَفْرَخَتْ فِي الدُّمَّلَةِ.
किन्तु यदि याजक उस स्थान को देखता है और उस पर सफेद बाल नहीं हैं और दाग चर्म से गहरा नहीं है, बल्कि धुंधला है तो याजक को उस व्यक्ति को सात दिन के लिए अलग करना चाहिए।
لكِنْ إِنْ رَآهَا الْكَاهِنُ وَإِذَا لَيْسَ فِيهَا شَعْرٌ أَبْيَضُ، وَلَيْسَتْ أَعْمَقَ مِنَ الْجِلْدِ، وَهِيَ كَامِدَةُ اللَّوْنِ، يَحْجُزُهُ الْكَاهِنُ سَبْعَةَ أَيَّامٍ.
यदि दाग का अधिक भाग चर्म पर फैलता है तब याजक को घोषणा करनी चाहिए कि व्यक्ति अशुद्ध है। यह छूत रोग है।
فَإِنْ كَانَتْ قَدِ امْتَدَّتْ فِي الْجِلْدِ يَحْكُمُ الْكَاهِنُ بِنَجَاسَتِهِ. إِنَّهَا ضَرْبَةٌ.
किन्तु यदि सफेद दाग अपनी जगह बना रहता है, फैलता नहीं तो वह पुराने फोड़े का केवल घाव है। याजक को घोषणा करनी चाहिए कि व्यक्ति शुद्ध है।
لكِنْ إِنْ وَقَفَتِ اللُّمْعَةُ مَكَانَهَا وَلَمْ تَمْتَدَّ، فَهِيَ أَثَرُ الدُّمَّلَةِ. فَيَحْكُمُ الْكَاهِنُ بِطَهَارَتِهِ.
“किसी व्यक्ति का चर्म जल सकता है। यदि कच्चा चर्म सफेद या लालीयुक्त दाग होता है तो याजक को इसे देखना चाहिए। यदि वह दाग चर्म से गहरा मालूम हो और उस स्थान के बाल सफेद हों तो यह भयंकर चर्म रोग है। जो जले में से फूट पड़ा है तब याजक को उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित करना चाहिए। यह भयंकर चर्म रोग है।
«أَوْ إِذَا كَانَ الْجِسْمُ فِي جِلْدِهِ كَيُّ نَارٍ، وَكَانَ حَيُّ الْكَيِّ لُمْعَةً بَيْضَاءَ ضَارِبَةً إِلَى الْحُمْرَةِ أَوْ بَيْضَاءَ،
“किसी व्यक्ति का चर्म जल सकता है। यदि कच्चा चर्म सफेद या लालीयुक्त दाग होता है तो याजक को इसे देखना चाहिए। यदि वह दाग चर्म से गहरा मालूम हो और उस स्थान के बाल सफेद हों तो यह भयंकर चर्म रोग है। जो जले में से फूट पड़ा है तब याजक को उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित करना चाहिए। यह भयंकर चर्म रोग है।
وَرَآهَا الْكَاهِنُ وَإِذَا الشَّعْرُ فِي اللُّمْعَةِ قَدِ ابْيَضَّ، وَمَنْظَرُهَا أَعْمَقُ مِنَ الْجِلْدِ، فَهِيَ بَرَصٌ قَدْ أَفْرَخَ فِي الْكَيِّ. فَيَحْكُمُ الْكَاهِنُ بِنَجَاسَتِهِ. إِنَّهَا ضَرْبَةُ بَرَصٍ.
किन्तु याजक यदि उस स्थान को देखता है और सफेद दाग में सफेद बाल नहीं हैं और दाग चर्म से गहरा नहीं है, बल्कि हल्का है तो याजक को उसे सात दिन के लिए ही अलग करना चाहिए।
لكِنْ إِنْ رَآهَا الْكَاهِنُ وَإِذَا لَيْسَ فِي اللُّمْعَةِ شَعْرٌ أَبْيَضُ، وَلَيْسَتْ أَعْمَقَ مِنَ الْجِلْدِ، وَهِيَ كَامِدَةُ اللَّوْنِ، يَحْجُزُهُ الْكَاهِنُ سَبْعَةَ أَيَّامٍ،
सातवें दिन याजक को उस व्यक्ति को फिर देखना चाहिए। यदि दाग चर्म पर फैले तो याजक को घोषणा करनी चाहिए कि व्यक्ति अशुद्ध है। यह भयंकर चर्म रोग है।
ثُمَّ يَرَاهُ الْكَاهِنُ فِي الْيَوْمِ السَّابعِ. فَإِنْ كَانَتْ قَدِ امْتَدَّتْ فِي الْجِلْدِ، يَحْكُمُ الْكَاهِنُ بِنَجَاسَتِهِ. إِنَّهَا ضَرْبَةُ بَرَصٍ.
किन्तु यदि सफेद दाग चर्म पर न फैल, अपितु धुंधला हो तो यह जलने से पैदा हुई सूजन है। याजक को उस व्यक्ति को शुद्ध घोषित करना चाहिए। यह केवल जले का निशान है।
لكِنْ إِنْ وَقَفَتِ اللُّمْعَةُ مَكَانَهَا، لَمْ تَمْتَدَّ فِي الْجِلْدِ، وَكَانَتْ كَامِدَةَ اللَّوْنِ، فَهِيَ نَاتِئُ الْكَيِّ، فَالْكَاهِنُ يَحْكُمُ بِطَهَارَتِهِ لأَنَّهَا أَثَرُ الْكَيِّ.
“किसी व्यक्ति के सिर की खाल पर या दाढ़ी में कोई छूत रोग हो सकता है।
«وَإِذَا كَانَ رَجُلٌ أَوِ امْرَأَةٌ فِيهِ ضَرْبَةٌ فِي الرَّأْسِ أَوْ فِي الذَّقَنِ،
याजक को छूत के रोग को देखना चाहिए। यदि छूत का रोग चर्म से गहरा मालूम हो और इसके चारों ओर के बाल बारीक और पीले हों तो याजक को घोषणा करनी चाहिए कि व्यक्ति अशुद्ध है। यह बुरा चर्मरोग है।
وَرَأَى الْكَاهِنُ الضَّرْبَةَ وَإِذَا مَنْظَرُهَا أَعْمَقُ مِنَ الْجِلْدِ، وَفِيهَا شَعْرٌ أَشْقَرُ دَقِيقٌ، يَحْكُمُ الْكَاهِنُ بِنَجَاسَتِهِ. إِنَّهَا قَرَعٌ. بَرَصُ الرَّأْسِ أَوِ الذَّقَنِ.
यदि रोग चर्म से गहरा न मालूम हो, और इसमें कोई काला बाल न हो तो याजक को उसे सात दिन के लिए अलग कर देना चाहिए।
لكِنْ إِذَا رَأَى الْكَاهِنُ ضَرْبَةَ الْقَرَعِ وَإِذَا مَنْظَرُهَا لَيْسَ أَعْمَقَ مِنَ الْجِلْدِ، لكِنْ لَيْسَ فِيهَا شَعْرٌ أَسْوَدُ، يَحْجُزُ الْكَاهِنُ الْمَضْرُوبَ بِالْقَرَعِ سَبْعَةَ أَيَّامٍ.
सातवें दिन याजक को छूत के रोगी को देखना चाहिए। यदि रोग फैला नहीं है या इसमे पीले बाल नहीं उग रहे हैं और रोग चर्म से गहरा नहीं है,
فَإِنْ رَأَى الْكَاهِنُ الضَّرْبَةَ فِي الْيَوْمِ السَّابعِ وَإِذَا الْقَرَعُ لَمْ يَمْتَدَّ، وَلَمْ يَكُنْ فِيهِ شَعْرٌ أَشْقَرُ، وَلاَ مَنْظَرُ الْقَرَعِ أَعْمَقُ مِنَ الْجِلْدِ،
तो व्यक्ति को बाल काट लेने चाहिये। किन्तु उसे रोग वाले स्थान के बाल नहीं काटने चाहिए। याजक को उस व्यक्ति को और सात दिन के लिए अलग करना चाहिए।
فَلْيَحْلِقْ. لكِنْ لاَ يَحْلِقِ الْقَرَعَ. وَيَحْجُزُ الْكَاهِنُ الأَقْرَعَ سَبْعَةَ أَيَّامٍ ثَانِيَةً.
सातवें दिन याजक को रोगी को देखना चाहिए। यदि रोग चर्म मे नहीं फैला है और यह चर्म से गहरा नहीं मालूम होता है तो याजक को घोषणा करनी चाहिए कि व्यक्ति शुद्ध है। व्यक्ति को अपने वस्त्र धोने चाहिए तथा शुद्ध हो जाना चाहिए।
فَإِنْ رَأَى الْكَاهِنُ الأَقْرَعَ فِي الْيَوْمِ السَّابعِ وَإِذَا الْقَرَعُ لَمْ يَمْتَدَّ فِي الْجِلْدِ، وَلَيْسَ مَنْظَرُهُ أَعْمَقَ مِنَ الْجِلْدِ، يَحْكُمُ الْكَاهِنُ بِطَهَارَتِهِ، فَيَغْسِلُ ثِيَابَهُ وَيَكُونُ طَاهِرًا.
किन्तु यदि व्यक्ति के शुद्ध हो जाने के बाद चर्म में रोग फैलता है
لكِنْ إِنْ كَانَ الْقَرَعُ يَمْتَدُّ فِي الْجِلْدِ بَعْدَ الْحُكْمِ بِطَهَارَتِهِ،
तो याजक को फिर व्यक्ति को देखना चाहिए। यदि रोग चर्म में फैला है तो याजक को पीले बालों को देखने की आवश्यकता नहीं है, व्यक्ति अशुद्ध है।
وَرَآهُ الْكَاهِنُ وَإِذَا الْقَرَعُ قَدِ امْتَدَّ فِي الْجِلْدِ، فَلاَ يُفَتِّشُ الْكَاهِنُ عَلَى الشَّعْرِ الأَشْقَرِ. إِنَّهُ نَجِسٌ.
किन्तु यदि याजक यह समझता है कि रोग का बढ़ना रुक गया है और इसमें काले बाल उग रहे हैं तो रोग अच्छा हो गया है। व्यक्ति शुद्ध है। याजक को घोषणा करनी चाहिए कि व्यक्ति शुद्ध है।
لكِنْ إِنْ وَقَفَ فِي عَيْنَيْهِ وَنَبَتَ فِيهِ شَعْرٌ أَسْوَدُ، فَقَدْ بَرِئَ الْقَرَعُ. إِنَّهُ طَاهِرٌ فَيَحْكُمُ الْكَاهِنُ بِطَهَارَتِهِ.
“जब व्यक्ति के चर्म पर सफेद दाग हों,
«وَإِذَا كَانَ رَجُلٌ أَوِ امْرَأَةٌ فِي جِلْدِ جَسَدِهِ لُمَعٌ، لُمَعٌ بِيضٌ،
तो याजक को उन दागों को देखना चाहिए। यदि व्यक्ति के चर्म के दाग धुंधले सफेद हैं, तो रोग केवल अहानिकारक फुंसियाँ है। वह व्यक्ति शुद्ध है।
وَرَأَى الْكَاهِنُ وَإِذَا فِي جِلْدِ جَسَدِهِ لُمَعٌ كَامِدَةُ اللَّوْنِ بَيْضَاءُ، فَذلِكَ بَهَقٌ قَدْ أَفْرَخَ فِي الْجِلْدِ. إِنَّهُ طَاهِرٌ.
“किसी व्यक्ति के सिर के बाल झड़ सकते है वह शुद्ध है यह केवल गंजापन है।
«وَإِذَا كَانَ إِنْسَانٌ قَدْ ذَهَبَ شَعْرُ رَأْسِهِ فَهُوَ أَقْرَعُ. إِنَّهُ طَاهِرٌ.
किसी आदमी के सिर के माथे के बाल झड़ सकते हैं। वह शुद्ध है। यह दूसरे प्रकार का गंजापन है।
وَإِنْ ذَهَبَ شَعْرُ رَأْسِهِ مِنْ جِهَةِ وَجْهِهِ فَهُوَ أَصْلَعُ. إِنَّهُ طَاهِرٌ.
किन्तु यदि उसके सिर की चमड़ी पर लाल सफेद फुंसियाँ हैं तो यह भयानक चर्म रोग है।
لكِنْ إِذَا كَانَ فِي الْقَرَعَةِ أَوْ فِي الصَّلْعَةِ ضَرْبَةٌ بَيْضَاءُ ضَارِبَةٌ إِلَى الْحُمْرَةِ، فَهُوَ بَرَصٌ مُفْرِخٌ فِي قَرَعَتِهِ أَوْ فِي صَلْعَتِهِ.
याजक को ऐसे व्यक्ति को देखना चाहिए। यदि छूत ग्रस्त त्वचा की सूजन लाली युक्त सफेद है और कुष्ठ की तरह शरीर के अन्य भागों पर दिखाई पड़ रही है
فَإِنْ رَآهُ الْكَاهِنُ وَإِذَا نَاتِئُ الضَّرْبَةِ أَبْيَضُ ضَارِبٌ إِلَى الْحُمْرَةِ فِي قَرَعَتِهِ أَوْ فِي صَلْعَتِهِ، كَمَنْظَرِ الْبَرَصِ فِي جِلْدِ الْجَسَدِ،
तो उस व्यक्ति के सिर की चमड़ी पर भयानक चर्मरोग है। व्यक्ति अशुद्ध है, याजक को घोषणा करनी चाहिए।
فَهُوَ إِنْسَانٌ أَبْرَصُ. إِنَّهُ نَجِسٌ. فَيَحْكُمُ الْكَاهِنُ بِنَجَاسَتِهِ. إِنَّ ضَرْبَتَهُ فِي رَأْسِهِ.
यदि किसी व्यक्ति को भयानक चर्मरोग हो तो उस ब्यक्ति को अन्य लोगों को सावधान करना चाहिए। उस व्यक्ति को जोर से ‘अशुद्ध! अशुद्ध! कहना चाहिए, उस व्यक्ति के वस्त्रों को, सिलाई से फाड़ देना चाहिए उस व्यक्ति को, अपने बालों को सँवारना नहीं चाहिए और उस व्यक्ति को अपना मुख ढकना चाहिए।
وَالأَبْرَصُ الَّذِي فِيهِ الضَّرْبَةُ، تَكُونُ ثِيَابُهُ مَشْقُوقَةً، وَرَأْسُهُ يَكُونُ مَكْشُوفًا، وَيُغَطِّي شَارِبَيْهِ، وَيُنَادِي: نَجِسٌ، نَجِسٌ.
जो व्यक्ति अशुद्ध होगा उसमें छूत का रोग सदा रहेगा। वह व्यक्ति अशुद्ध है। उसे अकेले रहना चाहिए। उनका निवास डेरे से बाहर होना चाहिए।
كُلَّ الأَيَّامِ الَّتِي تَكُونُ الضَّرْبَةُ فِيهِ يَكُونُ نَجِسًا. إِنَّهُ نَجِسٌ. يُقِيمُ وَحْدَهُ. خَارِجَ الْمَحَلَّةِ يَكُونُ مُقَامُهُ.
“कुछ वस्त्रों पर फफूँदी लग सकती है। वस्त्र सन का या ऊनी हो सकता है। वस्त्र बुना हुआ या कढ़ा हुआ हो सकता है। फफूँदी किसी चमड़े या चमड़े से बनी किसी चीज पर हो सकती है।
«وَأَمَّا الثَّوْبُ فَإِذَا كَانَ فِيهِ ضَرْبَةُ بَرَصٍ، ثَوْبُ صُوفٍ أَوْ ثَوْبُ كَتَّانٍ،
“कुछ वस्त्रों पर फफूँदी लग सकती है। वस्त्र सन का या ऊनी हो सकता है। वस्त्र बुना हुआ या कढ़ा हुआ हो सकता है। फफूँदी किसी चमड़े या चमड़े से बनी किसी चीज पर हो सकती है।
فِي السَّدَى أَوِ اللُّحْمَةِ مِنَ الصُّوفِ أَوِ الْكَتَّانِ، أَوْ فِي جِلْدٍ أَوْ فِي كُلِّ مَصْنُوعٍ مِنْ جِلْدٍ،
यदि फफूँदी हरी या लाल हो तो उसे याजक को दिखाना चाहिए।
وَكَانَتِ الضَّرْبَةُ ضَارِبَةً إِلَى الْخُضْرَةِ أَوْ إِلَى الْحُمْرَةِ فِي الثَّوْبِ أَوْ فِي الْجِلْدِ، فِي السَّدَى أَوِ اللُّحْمَةِ أَوْ فِي مَتَاعٍ مَا مِنْ جِلْدٍ، فَإِنَّهَا ضَرْبَةُ بَرَصٍ، فَتُعْرَضُ عَلَى الْكَاهِنِ.
याजक को फफूँदी देखनी चाहिए। उसे उस चीज को सात दिन तक अलग स्थान पर रखना चाहिए।
فَيَرَى الْكَاهِنُ الضَّرْبَةَ وَيَحْجُزُ الْمَضْرُوبَ سَبْعَةَ أَيَّامٍ.
सातवें दिन, याजक को फफूँदी देखनी चाहिए। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि फफूँदी चमड़े या कपड़े पर है। यह महत्वपूरण नहीं कि वस्त्र बुना हुआ या कढ़ा हुआ है। यह महत्वपूर्ण नहीं कि चमड़े का उपयोग किस लिए किया गया था। यदि फफूँदी फैलती है तो वह कपड़ा या चमड़ा अशुद्ध है। वह फफूँदी अशुद्ध है। याजक को उस कपड़े या चमड़े को जला देना चाहिए।
فَمَتَى رَأَى الضَّرْبَةَ فِي الْيَوْمِ السَّابعِ إِذَا كَانَتِ الضَّرْبَةُ قَدِ امْتَدَّتْ فِي الثَّوْبِ، فِي السَّدَى أَوِ اللُّحْمَةِ أَوْ فِي الْجِلْدِ مِنْ كُلِّ مَا يُصْنَعُ مِنْ جِلْدٍ لِلْعَمَلِ، فَالضَّرْبَةُ بَرَصٌ مُفْسِدٌ. إِنَّهَا نَجِسَةٌ.
सातवें दिन, याजक को फफूँदी देखनी चाहिए। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि फफूँदी चमड़े या कपड़े पर है। यह महत्वपूरण नहीं कि वस्त्र बुना हुआ या कढ़ा हुआ है। यह महत्वपूर्ण नहीं कि चमड़े का उपयोग किस लिए किया गया था। यदि फफूँदी फैलती है तो वह कपड़ा या चमड़ा अशुद्ध है। वह फफूँदी अशुद्ध है। याजक को उस कपड़े या चमड़े को जला देना चाहिए।
فَيُحْرِقُ الثَّوْبَ أَوِ السَّدَى أَوِ اللُّحْمَةَ مِنَ الصُّوفِ أَوِ الْكَتَّانِ أَوْ مَتَاعِ الْجِلْدِ الَّذِي كَانَتْ فِيهِ الضَّرْبَةُ، لأَنَّهَا بَرَصٌ مُفْسِدٌ. بِالنَّارِ يُحْرَقُ.
“यदि याजक देखे कि फफूँदी फैली नहीं तो वह कपड़ा या चमड़ा धोया जाना चाहिए। यह महत्वपूर्ण नहीं कि यह चमड़ा है या कपड़ा, अथवा कपड़ा बुना हुआ है या कढ़ा हुआ, इसे धोना चाहिए।
لكِنْ إِنْ رَأَى الْكَاهِنُ وَإِذَا الضَّرْبَةُ لَمْ تَمْتَدَّ فِي الثَّوْبِ فِي السَّدَى أَوِ اللُّحْمَةِ أَوْ فِي مَتَاعِ الْجِلْدِ،
याजक को लोगों को यह आदेश देना चाहिए कि वे चमड़े या कपड़े के टुकड़ों को धोएं, तब याजक वस्त्रों को और सात दिनों के लिए अलग करे।
يَأْمُرُ الْكَاهِنُ أَنْ يَغْسِلُوا مَا فِيهِ الضَّرْبَةُ، وَيَحْجُزُهُ سَبْعَةَ أَيَّامٍ ثَانِيَةً.
उस समय के बाद याजक को फिर देखना चाहिए। यदि फफूँदी ठीक वैसी ही दिखाई देती है तो वह वस्तु अशुद्ध है। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि छूत फैली नहीं है। तुम्हें उस कपड़े या चमड़े को जला देना चाहिए।
فَإِنْ رَأَى الْكَاهِنُ بَعْدَ غَسْلِ الْمَضْروبِ وَإِذَا الضَّرْبَةُ لَمْ تُغَيِّرْ مَنْظَرَهَا، وَلاَ امْتَدَّتِ الضَّرْبَةُ، فَهُوَ نَجِسٌ. بِالنَّارِ تُحْرِقُهُ. إِنَّهَا نُخْرُوبٌ فِي جُرْدَةِ بَاطِنِهِ أَوْ ظَاهِرِهِ.
“किन्तु यदि याजक उस चमड़े या कपड़े को देखता है कि फफूँदी मुरझा गई है तो याजक को चमड़े या कपड़े के फफूँदी युक्त दाग को चमड़े या कपड़े से फाड़ देना चाहिए। यह महत्वपूर्ण नहीं कि कपड़ा कढ़ा हुआ है या बारीक बुना हुआ है।
لكِنْ إِنْ رَأَى الْكَاهِنُ وَإِذَا الضَّرْبَةُ كَامِدَةُ اللَّوْنِ بَعْدَ غَسْلِهِ، يُمَزِّقُهَا مِنَ الثَّوْبِ أَوِ الْجِلْدِ مِنَ السَّدَى أَوِ اللُّحْمَةِ.
किन्तु फफूँदी उस चमड़े या कपड़े पर लौट सकती है। यदि ऐसा होता है तो फफूँदी बढ़ रही है। उस चमड़े या कपड़े को जला देना चाहिए।
ثُمَّ إِنْ ظَهَرَتْ أَيْضًا فِي الثَّوْبِ فِي السَّدَى أَوِ اللُّحْمَةِ أَوْ فِي مَتَاعِ الْجِلْدِ فَهِيَ مُفْرِخَةٌ. بِالنَّارِ تُحْرِقُ مَا فِيهِ الضَّرْبَةُ.
किन्तु यदि धोने के बाद फफूँदी न लौटे, तो वह चमड़ा या कपड़ा शुद्ध है। इसका कोई महत्व नहीं कि कपड़ा कढ़ा हुआ या बुना हुआ था। वह कपड़ा शुद्ध है।”
وَأَمَّا الثَّوْبُ، السَّدَى أَوِ اللُّحْمَةُ أَوْ مَتَاعُ الْجِلْدِ الَّذِي تَغْسِلُهُ وَتَزُولُ مِنْهُ الضَّرْبَةُ، فَيُغْسَلُ ثَانِيَةً فَيَطْهُرُ.
चमड़े या कपड़े पर की फफूँदी के विषय में ये नियम हैं। इसका कोई महत्व नहीं कि कपड़ा कढ़ा हुआ है या बुना हूआ है।
«هذِهِ شَرِيعَةُ ضَرْبَةِ الْبَرَصِ فِي الصُّوفِ أَوِ الْكَتَّانِ، فِي السَّدَى أَوِ اللُّحْمَةِ أَوْ فِي كُلِّ مَتَاعٍ مِنْ جِلْدٍ، لِلْحُكْمِ بِطَهَارَتِهِ أَوْ نَجَاسَتِهِ».