رَجُلاً سُخْرَةً لِصَاحِبِهِ صِرْتُ. دَعَا اللهَ فَاسْتَجَابَهُ. سُخْرَةٌ هُوَ الصِّدِّيقُ الْكَامِلُ.
“अब मेरे मित्र मेरी हँसी उड़ाते हैं,
वह कहते है: ‘हाँ, वह परमेश्वर से विनती किया करता था, और वह उसे उत्तर देता था।
इसलिए यह सब बुरी बातें उसके साथ घटित हो रही है।’
यद्यपि मैं दोषरहित और खरा हूँ, लेकिन वे मेरी हँसी उड़ाते हैं।