“इस्राएल के लोगों से कहो कि उन्हें अपने हिस्से के देश में से कुछ नगर लेवीवंशियों को देना चाहिए। इस्राएल के लोगों को नगर और उसके चारों ओर की चरागाहें लेविवंशियों को देनी चाहिए।
सारी तीन हजार फीट भूमि नगर के पूर्व तीन हजार फीट नगर के दक्षिण, तीन हजार फीट नगर के पश्चिम तथा तीन हजार फीट नगर के उत्तर, भी लेवीवंशियों की होगी उस भूमि के मध्य में नगर होगा।
उन नगरों में से छः नगर सुरक्षा नगर होंगे। यदि कोई व्यक्ति किसी को संयोगवश मार डालता है तो वह सुरक्षा के लिए उन नगरों में भाग कर जा सकता है। उन छः नगरों के अतिरिक्त तुम लेवीवंशियों को बयालीस अन्य नगर दोगे।
इस्राएल के बड़े परिवार भूमि के बड़े भाग देंगे। इस्राएल के छोटे परिवार भूमि के छोटे भाग देंगे। सभी परिवार समूह लेवीवंशियों को अपने हिस्से के प्रदेश में से कुछ भाग प्रदान करेंगे।”
तुम्हें सुरक्षा नगर बनाने के लिए नगरों को चुनना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति संयोगवश किसी को मार डालता है, तो यह सुरक्षा के लिए इन नगरों में से किसी में भागकर जा सकता है।
वह उस किसी भी व्यक्ति से सुरक्षित रहेगा जो मृतक व्यक्ति के परिवार का हो और उसे पकड़ना चाहता हो। वह तब तक सुरक्षित रहेगा जब तक न्यायालय में उनके बारे में निर्णय नहीं हो जाता।
वे नगर इस्राएल के नागरिकों, विदेशियों और यात्रियों के लिए सुरक्षा नगर होंगे। कोई भी व्यक्ति, जो संयोगवश किसी को मार डालता है, इन किसी एक नगर में भाग कर जा सकेगा।
और यदि कोई व्यक्ति एक पत्थर उठाता है और किसी को मार डालता है, तो उसे भी मरना चाहिए। पत्थर उस आकार का होना चाहिए जिसे व्यक्तियों को मारने के लिए प्रायः उपयोग में लाया जाता है।
यदि कोई व्यक्ति किसी लकड़ी का उपयोग करता है और किसी को मार डालता है, तो उसे मरना चाहिए। लकड़ी एक हथियार के रूप में होनी चाहिए जिसका उपयोग प्रायः लोग मनुष्यों को मारने के लिए करते हैं।
“कोई व्यक्ति किसी पर हाथ से प्रहार कर सकता है और उसे मार सकता है या कोई व्यक्ति किसी को धक्का दे सकता है और उसे मार सकता है या कोई व्यक्ति पर कुछ फेंक सकता है और उसे मार सकता है। यदि उस मारने वाले ने घृणा के कारण ऐसा किया तो वह हत्यारा है। उस व्यक्ति को मार डालना चाहिए। मृतक के परिवार का कोई सदस्य उस हत्यारे का पीछा कर सकता है और उसे मार सकता है।
“कोई व्यक्ति किसी पर हाथ से प्रहार कर सकता है और उसे मार सकता है या कोई व्यक्ति किसी को धक्का दे सकता है और उसे मार सकता है या कोई व्यक्ति पर कुछ फेंक सकता है और उसे मार सकता है। यदि उस मारने वाले ने घृणा के कारण ऐसा किया तो वह हत्यारा है। उस व्यक्ति को मार डालना चाहिए। मृतक के परिवार का कोई सदस्य उस हत्यारे का पीछा कर सकता है और उसे मार सकता है।
“किन्तु कोई व्यक्ति संयोगवश किसी को मार सकता है। वह व्यक्ति उस व्यक्ति से घृणा नहीं करता था, वह घटना संयोगवश हो गई या कोई व्यक्ति कुछ फेंक सकता है और संयोगवश किसी को मार सकता है, उसने मारने का इरादा नहीं किया था।
या कोई व्यक्ति कोई बड़ा पत्थर फेंक सकता है और वह पत्थर किसी ऐसे व्यक्ति पर गिर पड़े जो उसे न देख रहा हो और वह उसे मार डाले। उस व्यक्ति ने किसी को मार डालने का इरादा नहीं किया था। उसने मृतक व्यक्ति के प्रति घृणा नहीं रखी थी, यह केवल संयोगवश हुआ।
यदि न्यायालय को यह निर्णय देना है कि वह जीवित रहे तो उसे अपने “सुरक्षा नगर” में जाना चाहिए। उसे वहाँ तब तक रहना चाहिए जब तक महायाजक न मरे, यह महायाजक वही होना चाहिए जिसका अभिषेक पवित्र तेल से हुआ हो।
“उस व्यक्ति को अपने सुरक्षा नगर की सीमाओं के कभी बाहर नहीं जाना चाहिए। यदि वह सीमाओं के पार जाता है और मृतक व्यक्ति परिवार का सदस्य उसे पकड़ता है और उसको मार डालता है तो वह सदस्य हत्या का अपराधी नहीं होता।
“उस व्यक्ति को अपने सुरक्षा नगर की सीमाओं के कभी बाहर नहीं जाना चाहिए। यदि वह सीमाओं के पार जाता है और मृतक व्यक्ति परिवार का सदस्य उसे पकड़ता है और उसको मार डालता है तो वह सदस्य हत्या का अपराधी नहीं होता।
उस व्यक्ति को, जिसने संयोगवश किसी को मार डाला है सुरक्षा नगर में तब तक रहना पड़ेगा जब तक महायाजक मर नहीं जाता। महायाजक के मरने के बाद वह व्यक्ति अपने देश को लौट सकता है।
“हत्यारे को तभी मृत्यु दण्ड दिया जा सकेगा। जब उसके विरोध में एक से अधिक गवाहियाँ होंगी। यदि एक ही गवाह होगा तो किसी व्यक्ति को प्राणदण्ड नहीं दिया जाएगा।
“यदि किसी व्यक्ति ने किसी को मारा और वह भाग कर किसी “सुरक्षा नगर” में गया, तो घर लौटने के लिये उससे धन न लो। उस व्यक्ति को उस नगर में तब तक रहना पड़ेगा जब तक याजक न मरे।
“अपने देश को निरपराधों के खून से भ्रष्ट मत होने दो। यदि कोई व्यक्ति किसी को मारता है, तो उस अपराध का बदला केवल यही है कि उस व्यक्ति को मार दिया जाए। अन्य कोई ऐसा भुगतान नहीं है जो उस अपराध से उस देश को मुक्त कर सके।
मैं यहोवा हूँ! मैं इस्राएल के लोगों के साथ तुम्हारे देश में सदा रहता रहूँगा। मैं उस देश में रहता रहूँगा अतः निरपराध लोगों के खून से उस देश को अपवित्र न करो।”